पृष्ठ:आनन्द मठ.djvu/१९९

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१२–भारत की साम्पत्तिक अवस्था
लेखक श्रीयुक्त राधाकृष्ण झा, एम° ए°

यदि भारत की आर्थिक अवस्था, यहां के वाणिज्य-व्यापारके रहस्यों, कृषि की दुर्व्यवस्था और मालगुजारी तथा अन्यान्य टैक्सों की भरमार का रहस जानना चाहते हैं, यदि आप यहां का उत्पन्न कच्चा माल और वह कितनी कितनी संख्या में विलायत को ढोया चला जाता है, उसके बदले में हमें कौन कौन सा माल दिया जाता है, आने और जानेवाले मालों पर किस मीयत से कर बैठाया जाता है, यहां प्रत्येक वर्ष कहीं न कहीं अकाल क्यों पड़ता है, हम दिन पर दिन क्यों कौड़ी कौड़ी के मोहताज हो रहे हैं, इत्यादि बातों को जानना चाहते हैं तो इस पुस्तक को एक बार अवश्य पढ़ें। यह पुस्तक साहित्यसम्के उनकी परीक्षा में है। ६५० पृष्ठ की खादी की सुन्दर सीजल्द पुस्तक का मूल्य ४)

१३–भाव चित्रावली
चित्रकार श्रीधीरेन्द्रनाथ गंगोपाध्याय

इस पुस्तक में एक ही सजन के विविध भावों के १०० रंगीन और सादे चित्र दिखलाये गये हैं। आप देखेंगे और आश्चर्य करेंगे और कहेंगे कि ऐं। सब चित्रों में एक ही आदमी! गङ्गोपाध्याय महाशय ने अपनी इस कला से समाज और देश की बहुत सी कुरीतियों पर बड़ा जबर्दस्त कटाच किया है। चित्रों के देखने से मनोरञ्जन के साथ साथ आपको शिक्षा भी मिलेगी। खादी की सजिल्द पुस्तक का मूल्य ४)

१४–राम बादशाहके छ: हुक्मनामे

स्वामी रामतीर्थजी के छः व्याख्यानों का संग्रह उन्हीं की जोरदार भाषा में। स्वामीजी के ओजस्वी और शिक्षाप्रद भाषणों के बारे में क्या कहना है, जिसने अमरीका, जापान और यूरोप में हलचल मचा दी थी। इन व्याख्यानों-को पढ़कर प्रत्यक भारतवासी को शिक्षा ग्रहण करनी चाहिय। उर्दू के सब्दो का फुटनोट में अर्थ भी दिया गया है। स्वामीजी की भिन्न-भिन्न अवस्थाओं के तीन चित्र भी हैं। पुस्तक बढ़िया ऐंटिक कागज पर छपी है। मुल्य सुन्दर खादी की सजिल्द पुस्तकका १।)