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पृष्ठ:आर्थिक भूगोल.djvu/११४

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मुख्य धंधे-पशु पक्षियों पर अवलंचित धंधे

मुख्य धन्धे-पशु-पक्षियों पर अवलंबित धन्धे का एक कण भी व्यर्थ नष्ट नहीं होता। यदि देखा जावे तो मांस का धंधा उन्हों देशों में महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त किये हुए है जहाँ भूमि यथेष्ट है और श्रावादी कम है। जैसे जैसे आबादी बढ़ती जावेगी मांस की उत्पत्ति और खपत कम होती जावेगी। पिछले वर्षों से संसार में मांस की खपत कम होती जा रही है तथा दूध और मक्खन की मांग बढ़ती जा रही है। इस सम्बन्ध में एक बात ध्यान में रखने योग्य है कि एक बैल जितनी भूमि पर निर्वाह कर सकता है उतनी ही भूमि पर ८ आदमियों के निर्वाह योग्य अन्न उत्पन्न हो सकता है। फिर घनी आबादी वाले, देशों में जहाँ मनुष्यों के लिए यथेष्ट भोजन ही उत्पन्न नहीं होता पशुओं को मांस के लिए कैसे पाला जा सकता है। घनी आबादी वाले देशों में गाय को दूध के लिए तथा बैल को खेती के लिए पाला जाता है। नये देशों में जहाँ बहुत सी भूमि विना जुती हुई पड़ी है वहाँ ही मांस का धंधा चल सकता है। संसार में पशुगणना के अनुसार कुल ६६ करोड़ दौर थे जिनमें २१३ करोड़ केवल भारतवर्ष में थे दूसरे शब्दों संसारे के प्रमुख में भारतवर्ष में संसार के लगभग एक तिहाई गाय- देशों में गाय-बैलों बैल थे। अब हम नीचे कुछ मुख्य देशों में गाय की संख्या बैलों की संख्या देते हैं :- ('... छोड़ दिये गए हैं) . भारतवर्ष २१५,००० संयुक्त राज्य अमेरिका ६०,६६७ सोवियत रूस ६५,००० ब्राजील ४७,४६२

अरजैनटाइन.

३२.३१३ चीन BVCL २३,००० जर्मनी १६,१३९ । फ्रांस .१५,६४३ 330.9 आट्रेलिया १२,७६३ S98A(H) दक्षिण अफ्रीका १०,७५१ मैक्सिको १०,०३ संयुक्तराज्य अमेरिका में गाय-बैल के मांस का धंधा बहुत उन्नत