आर्थिक भूगोल ११२ अंडे की मांग बढ़ने के कारण व्यापारिक ढंग से बड़ी मात्रा में अंडे उत्पन्न करने का प्रयत्न किया जा रहा है । बड़े बड़े फारमों (खेतों ) पर हज़ारों की संख्या में मुर्गियां पाली जाती हैं और बहुत प्रकार का बना हुआ भोजन उन्हें खिलाया जाता है। ऐसे यन्त्र भी तैयार कर लिए गए हैं जिनसे अंडे को गरमी पहुँचा कर बच्चे निकाल लिए जाते हैं। पिछले दिनों से बड़ी मात्रा में अंडे उत्पन्न करने का प्रयत्न किया जा रहा है क्योंकि शीत भण्डार रीति ( Refrigeration) के द्वारा अब अंडे दूर दूर भेजे जा सकते हैं किन्तु फिर भी अंडे का धन्धा मुख्यतः छोटी मात्रा में ही अधिकतर होता है और उसमें सफलता भी अधिक मिलती है। श्रास्ट्रिच (Ostricli ) पालने का धन्धा अधिकतर दक्षिण अफ्रीका तथा सुदान में होता है। श्रास्ट्रिच को उसके मुलायम और सुंदर परों के लिए पाला जाता है, क्योंकि उनका उपयोग सुंदर तथा फैशनेबिल वस्त्रों को तैयार करने में किया जाता है। अफ्रीका के अतिरिक्त आस्ट्रेलिया न्यूज़ीलैंड, अरजैनटाइन, तथा फ्लोरिडा में भी यह पक्षी पाला जाता है । वैसे तो शहद संसार के प्रत्येक देश में थोड़ा बहुत उत्पन्न होता है। जहाँ वर्षा खूब होती है और वनस्पति खूब लहलहाता शहद की मक्खी है वहाँ शहद अधिक उत्पन्न होता है, क्योंकि शहद पालना की मक्खी फूलों तथा कलियों से ही शहद इकट्ठा करती है। ऊष्या कटिबन्ध (Tropics) के जंगलों में शहद खूब उत्पन्न होता है क्योंकि वहाँ के अधिकांश वृक्षों में शहद होता है । किसान शहद की मक्खो को पाल लेते हैं और उनसे अधिकाधिक शहद उत्पन्न करते हैं। शहद की मक्खी पालने का धया संयुक्तराज्य अमेरिका तथा उत्तरी योरोप में बहुत फैला हुआ है। यह किसान का सहायक धन्धा (Subsidiary Occupution ) है और वह अपने अवकाश का समय इस धन्धे में लगा कर अपनी आय को बढ़ा लेता है। शहद की मक्खी तथा मुर्गी पालने के धन्धे में परिस्थिति इतनी सहायक नहीं होती है जितनी कि मनुष्य की कुशलता तथा उसका परिश्रम । यही कारण है जहां के किसान अधिक परिश्रमी तथा कुशल है वहाँ यह धन्धे बहुत उन्नति कर गए हैं। पशु केवल भोजन ( माँस दूध इत्यादि ) तथा चमड़ा ही नहीं देते हैं उनका उपयोग खेती में तथा बोमा ढोने में बहुत वोझा ढोने अधिक होता है। घाले पशु
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