सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:आर्थिक भूगोल.djvu/१२६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
११३
मुख्य धंधे-पशु पक्षियों पर अवलम्बित धंधे

मुख्य धन्धे-पशु-पक्षियों पर अवलम्बित पन्धे ११३ घोड़ा बहुत उपयोगी जानवर है। मनुष्य समाज के लिए यदि गाय और बैल को छोड़ कर कोई महत्वपूर्ण पशु है तो घोड़ा वह घोड़ा ही है। पश्चिमी प्रदेशों में बैल खेती बारी के काम . के लिए इतना उपयोगी नहीं है जितना घोड़ा । किन्तु पूर्वीय देशों में भी घोड़े का महत्वं कुछ कम नहीं है। आज भी पूर्वीय देशों में घोड़े का उपयोग सवारी में बहुत होता है। जहा रेलपथ नहीं है वहाँ घोड़ा ही सवारी का मुख्य साधन है। फौजों में आज भी घोड़ों का महत्व है। घोड़े के लिए शीतोष्ण कटिबन्ध ( Temperate zone ) की जलवायु बहुत अनुकूल है। घोड़ा मरुभूमि ऊष्ण कटिबन्ध के वनों, तथा उत्तर के अत्यन्त शीत प्रदेशों में नहीं होता है। ऊष्ण कटिबन्ध (Tropics ) के सूखे प्रदेशों में घोड़ा बहुत पाया जाता है किन्तु जहाँ वर्षा बहुत होती है वहाँ नहीं होता । संयुक्तराज्य अमेरिका, कनाडा, योरोप के सब देश, एशियाटिक रूस, ता पश्चिमी एशिया में घोड़े बहुत पाले जाते हैं। अरबी घोड़ा संसार में अपनी तेजी के लिए प्रसिद्ध है । यह सवारी के काम आता है बोमा ढोने के काम में इसका उपयोग नहीं होता । योरोप तथा विशेषकर ब्रिटेन की भिन्न भिन्न घोड़ों की जातियां अरबी घोड़ों के संसर्ग से ही उत्पन्न हुई हैं। जर्मनी, फ्रांस, बैलजियम तथा मध्य योरोप में घोड़े पालने का धन्धा बहुत उन्नति कर गया है। आस्ट्रेलिया में वेलर जाति के घोड़े प्रसिद्ध हैं किन्तु यह सवारी के काम के नहीं होते । संयुक्तराज्य अमेरिका में भी अच्छी जाति के घोड़े बहुत पाले जाते हैं। भारतवर्ष में कठियावाड़ के घोड़े प्रसिद्ध हैं। खच्चर गदहे और घोड़े के संसर्ग से उत्पन्न हुआ पशु है। घोड़ा बहुत तेज़ जानवर है, परन्तु वह कठोर जीवन का अभ्यस्त खच्चर और नहीं होता और न अधिक बोझा ही खींच सकता है गदहा ( Mule & गदहे में तेजी नहीं होती किन्तु ऊपर लिखे हुए सब Donkey ) गुण होते हैं। यही कारण है कि खच्चर में शरीर की सुंदरता और तेज़ी तो घोड़े की होती है, और बोझा ढोने की शक्ति तथा अधिक परिश्रम करने का अभ्यास गदहे के दिए हुए गुण हैं। गदहे में एक विशेषता यह है कि वह बुरा से बुरा चारा पाकर भी खूब परिश्रम कर सकता है । बोझा ढोने की तो उसमें अकथनीय शक्ति होती है। यदि घोड़े को एक दिन भी अच्छा चारा तथा दाना न मिले तो वह काम नहीं देता परन्तु गदहा भोजन न मिलने पर भी मेहनत कर सकता है। यद्यपि श्रा० भू०-१५