पृष्ठ:आर्थिक भूगोल.djvu/१६७

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खेती की पैदावार भोज्य पदार्थ

खेती की पैदावार-भोज्य पदार्थ , पनियों को तोड़ सके । चाय को पत्तियां केवल हाथ से ही तोड़ी जा सकती हैं। पत्तियों को यदि सावधानी से न तोड़ा जाये तो अच्छी चाय नहीं बन सकती । अतएव चाय की पत्तियों को तोड़ने का कार्य अधिकतर बच्चे और स्त्रिया ही करती हैं। खेती का कठिन कार्य पुरुष करते हैं। इस कारण चाय की खेती में बड़ी संख्या में कुलियों की आवश्यकता होती है। जिन देशों में कुली सस्ते दामों पर नहीं मिल सकते, वहाँ जलवायु के अनुकूल होने पर भी चाय उत्पन्न नहीं हो सकती। चाय का पौधा लगभग पाँच वर्षों में चाय उतपन्न करने योग्य हो जाता है। इसकी ऊँचाई अधिक होती है किन्तु इसको अधिक बढ़ने नहीं दिया जाता । साधारणतः इसकी ऊँचाई ३ फ़ीट से लेकर 5 फ़ीट तक होती है। अधिक पत्तियां उत्पन्न करने के लिए भूमि में नत्रजन ( Nitro- gen ) फासफैरिक एसिड, और पोटाश का होना जरूरी है। अतएव चाय के बागों में प्रतिवर्ष खाद द्वारा इन आवश्यक पदार्थों की पूर्ति करनी पड़ती है। मानसून वनों से भरे हुए पहाड़ी के ढाल चाय के लिये आदर्श भूमि हैं। क्योंकि वनों को साफ करके निकाली गई भूमि में वनस्पति का अंश बहुत होता है जो कि चाय की खेती के लिये उपयोगी है। पाला और ठंडक पत्तियों को हानि पहुंचाते हैं किन्तु वृक्ष नष्ट नहीं होता । चाय की खेती के लिये गरमियों में वर्षा होना विशेष लाभदायक है। वर्ष में पत्तियां तीन बार चुनी जाती हैं। अधिकतर औरतें अपनी कोमल अंगुलियों से पत्तियां तोड़ती हैं। जितनी ही मुलायम पत्ती होगी उतनी ही अच्छी चाय बनेगी और सख्त पत्ती घटिया चाय बनाने के काम में आती है। जब पत्तियाँ इकट्ठी हो जाती हैं तो उन्हें धूप जाता है । पत्ती के सूख जाने पर उसे मशीन से रोल ( Rolling) करते हैं जिन बागों में मशीन से काम नहीं लिया जाता वहाँ पत्तियों को हाथ से ही मसलते हैं। जब पत्तियां मसल ( Roll ) ली जाती हैं तब उन्हें सीमेंट के फर्श पर बिछा दिया जाता है और ऊपर से गीला कपड़ा डाल दिया जाता है। इसके उपरान्त यह नम पत्तियां फाइरिंग मशीन के बड़े बड़े तख्तों पर फैला दी जाती हैं। गरम हवा के द्वारा पत्तियों को भूना और सुखाया जाता है जब तक कि वह बिलकुल सूखी और काशी न हो जाय। चाय दो प्रकार की होती है काली चाय (Black Tea ) और हरी चाय (Green Tea ).यह कोई भिन्न प्रकार की पत्तियां नहीं होता। केवल उनके तैयार करने में ही थोड़ा सा अन्तर होता है । हरी चय में सुखाया t