पृष्ठ:आर्थिक भूगोल.djvu/१६६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
१५४
आर्थिक भूगोल

आर्थिक-भूगोल का रिवाज़ प्रत्येक देश में बढ़ रहा है। सूखे हुये मेवे तथा डिब्बों में बंद किये हुये फलों का भी अब बहुत अधिक व्यापार होता है । पेय पदार्थ ( Beverages) चाय एक प्रकार की झाड़ी की पत्ती है। सम्भवतः इसका मूल निवास स्थान चीन व भारत है । चीन में बहुत समय से चाय चाय ( Tea) का प्रचार था, परन्तु योरोप में इसका प्रवेश केवल अट्ठारहवीं शताब्दी में हुआ और तब से इसकी मांग बेहद बढ़ गई है । आज तो चाय सभ्य समाज का एक आवश्यक पेय पदार्थ बन गया है । संसार के प्रत्येक देश में चाय का प्रचार बढ़ रहा है। चाय का पेड़ ऊष्ण कटिबन्ध (Tropics ) में ही उत्पन्न हो सकता है। इसकी पैदावार के लिये गरमी तथा नमी की अत्यन्त आवश्य- कता होती है। यदि जल पेड़ की जड़ों के पास ठहर जावे तो चाय की पैदावार नहीं हो सकती। यह ढालू पृथ्वी पर ही अच्छी तरह उत्पन्न होती है। यही कारण है कि चाय के बाग अधिकतर पहाड़ी स्थानों में ही पाये जाते हैं। चाय की खेती के लिए कम से कम ५४°फै० तथा अधिक से अधिक ८० फै० गरमी की आवश्यकता है। अच्छी पैदावार के लिए ६०"इंच वर्षा से कम न होनी चाहिए । हाँ यदि ढाल अच्छा हो तो अधिक वर्षा फसल के लिये लाभदायक होती है । o PaTec चाय की खेती में केवल जलवायु और भूमि ही महत्त्वपूर्ण नहीं है। कुलियों की समस्या इनसे भी अधिक महत्त्वपूर्ण है। अभी तक ऐसा कोई यंत्र नहीं बन सका जो बिना पत्तियों को हानि पहुँचीये