पृष्ठ:आर्थिक भूगोल.djvu/२१०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
२००
आर्थिक भूगोल

२०० आर्थिक भूगोल ( Bitumitious ) कोयला कई प्रकार का होता है उसमें कार्बन ७० प्रतिशत से लेकर ६० प्रतिशत तक होता है। इसमें गैस तथा अन्य पदार्थ अधिक होते हैं। यह आसानी से जल जाता है किन्तु जप्तते समय अधिक धुआं उत्पन्न करता है और उसकी राख भी बहुत होती है । कैनल (Cannel ) कोयला निम्न श्रेणी का हेता है । इसमें, ४० प्रतिशत कार्बन होता है। इस कोयले में गैस बहुत अधिक होती है इसी कारण इसे गैस का कोयला मी कहते हैं। लिगनाइट कोयले से गरमी कम उत्पन्न होती है, यद्यपि इसमें ४५ प्रतिशत तक कार्बन होता है। लिगनाइट (Lignite) पीट वास्तव में पूर्ण रूप से कोयला नहीं होता वह लिगनाइट तथा लकड़ी के बीच की स्थिति में होता है। यही कारण पीट ( Pent) है कि वह लकड़ी की भांति हो जलता और धुओं बहुत देता है, किन्तु गरमी बहुत कम उत्पन्न करता है। कोयले की खानों के लिए कुली अच्छी संख्या में होना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त गमनागमन के साधन भी बहुत आवश्यक हैं क्योंकि या तो कोयले को श्रौद्योगिक केन्द्रों में भेजना पड़ता है और यदि खानों के समीप ही प्रौद्योगिक केन्द्र स्थापित किये जाते हैं तो उन तक कच्चा मान ( Raw material) लाना पड़ता है। कोयले की बढ़ती हुई माँग के कारण साधारण खानें भी खुदने लगी हैं। कोयले की खानों में लगभग २५% प्रतिशत कोयला खादते समय व्यर्थ में नष्ट हो जाता है। कोयले की अधिकाधिक माग तथा उसकी भावी कमी का विचार करके अब कोयला निकालने में कोयला व्यर्थ में नष्ट न हो इसका ध्यान रखा जाता है पृथ्वी पर कोयला उत्पन्न करने वाले देशों में संयुक्तराज्य अमेरिका ( U. S. A.), जर्मनी और इङ्गलैंड मुख्य है । यह तीनों देश संमार का लगभग तीन चौपाई कोयला उत्पन्न करते हैं। किन्तु इनके अतिरिक्त कुछ ऐसे देश हैं जिनमें अनन्त राशि में कोयला भरा पड़ा है किन्तु अभी उसको खोदा नहीं गया है । चीन, सायबेरिया, प्रास्ट्रेलिया में बहुत कोयला पृथ्वी के गर्भ में छिपा हुआ है । ऐसा अनुमान किया जाता है कि संयुक्तराज्य अमे- रिका, चीन, कनाडा, जर्मनी, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया तथा सायबेरिया में संसार का १० प्रतिशत कोयला दवा हुआ है।