२३२ आर्थिक भूगोल जाती है। लंकाशायर का नम जलवायु पारीक और बढ़िया सूत कातने तथा कपड़ा बुनने के लिए बहुत ही उपयुक्त है। कुछ वर्षों से संयुक्तराज्य अमेरिका कपास कम भेजने लगा है क्योंकि सूती कपड़े का धन्धा वहाँ भी बहुत उन्नति कर गया है । इस कारण लंकाशायर के मिल मालिकों को यह भय होने लगा था कि भविष्य में बढ़िया करास यथेष्ट राशि में नहीं मिल सकेगी । इसी कारण ईजिएशियन सुदान ( Sudan ) और गायना (Guinea ) में कपास की पैदावार बढ़ाने का प्रयत्न किया गया । जितनी कपास ब्रिटेन विदेशों से मँगाता है उसकी लगभग ७० प्रतिशत संयुक्तराज्य अमेरिका से और शेष ईजिप्ट (मिश्र ) युगंडा, तथा अन्य अफ्रीका प्रदेशों से आती है। पिछले दिनों में भारतवर्ष से कुछ कपास, लंकाशायर को जाने लगी है। वह तो पूर्व ही कहा जाचुका है कि लंकाशायर में यह धन्धा केन्द्रित. है। किन्तु लंकाशायर के भिन्न भिन्न भागों में भिन्न भिन्न क्रियाओं की प्रधानता है। उदाहरण के लिए लंकाशायर के दक्षिणी भाग में तथा (नेक पुरा साउV पोर्ट धीराम LI रस्सन्स शिता पोर्ट मक्ष मटन चेशायर और डर्बीशायर के निकटवर्ती प्रदेश में सूत कातने का धन्धा केन्द्रित है। मैंचेस्टर प्रोल्डहम (Oldham ) बोल्टन ( Bolton ) स्टैलीब्रिज (Stalybridge) तथा बर्रा ( Bury ) सूत कातने के प्रधान केन्द्र हैं। लंकाशायर के उत्तर में कपड़ा बुनने का धन्धा केन्द्रित है। ब्लैकवर्न ( Blackburn ) प्रेस्टन ( Preston ) हारविन ( Darwen ) तथा नेल्सन ( Nelson ) सूती काड़े के धन्धे के मुख्य केन्द्र हैं । सूती कपड़े के केन्द्रों में भी भिन्न भिन्न केन्द्र एक विशेष प्रकार के कपड़े तैयार करते हैं। उदाहरण के लिए प्रेस्टन में बढ़िया कपड़े ( Fancy goods ) तैयार होते
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