गौण उद्योग-धन्धे २४५ . अधिकतर नकली रेशम स्मस (Spruce ) तथा पाइन ( Pine ) की लकड़ी से बनता है । थोड़ा सा रेशम कारखानों की बची हुई कपास से भी बनाया जाता है। अतएव लकड़ी ही इस धन्धे का मुख्य कच्चा माल है। इनके अतिरिक्त अन्य रसायनिक द्रव्यों की भी ज़रूरत पड़ती है । १९२० के उपरान्त इस धन्धे ने आश्चर्यजनक उन्नति कर ली और वह बहुत तेजी से बढ़ा । नकली रेशम के धन्धे में सस्ते. मजदूरों की आवश्यकता है, अतएव अधिकतर स्त्रिया ही इन कारखानों में काम करती हैं। इन सुविधाओं के अतिरिक्त सरती जल शक्ति की बहुतायत भी धन्धे के लिए आवश्यक है। नकली रेशम तैयार करने वालों में संयुक्तराज्य अमेरिका, जरमनी, फ्रांस, ब्रिटेन, जापान, और इटली मुख्य हैं । संयुक्तराज्य, सबसे अधिक नकली रेशम. तैयार करता है । योरोप में इटली, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, हालैंड तथा वैल- जियम में यह धन्धा होता है। यद्यपि संयुक्तराज्य अमेरिका सबसे अधिक नकली रेशम तैयार करता है फिर भी सबसे अधिक नकली रेशम बोहर से मँगाता है। बाहर से नकली रेशम मँगाने वालों में ब्रिटेन का स्थान दूसरा है। जापान और इटली नकली रेशम विदेशों को भेजने वालों में मुख्य हैं। अब धीरे धीरे सभी सूती कपड़े के केन्द्रों में नकली रेशम का धन्धा स्थापित होता जा रहा है क्योंकि कारखानों की बची हुई रूई ( Waste cotton ) से नकली रेशम तैयार होता है । इस प्रकार कारखाने की बची हुई खराब रूई का उपयोग हो जाता है । संयुक्तराज्य अमेरिका में यह धंधा अपलेशियन पर्वत माला के दोनों और केन्द्रित है। ब्रिटेन में यह धंधा काटरी, डर्बी, वोलवरहैम्पटन, फ्लिट, मैंचेस्टर, तयां लिवरपूल में केंद्रित है इटली में यह धंधा उत्तर में केन्द्रित है। जर्मनी में कलोन ( Cologne ) तथा ब्लैक-फारेस्ट प्रदेशों में यह धंधा स्थापित है। फ्रांस में उत्तर पूर्वीय कोयले के प्रदेश में तथा रोन नदी की घाटी में यह धंधा स्थापित है। जापान में यह धंधा पिछले वर्षों में बहुत . उन्नति कर गया है। नकली रेशम अधिकतर मोजे बनियान इत्यादि होजियरी का सामान बनाने, साधारण कपड़ा तैयार करने, अंडर-वियर, खिन इत्यादि तैयार करने तथा सूत, रेशम, और ऊन के साथ मिलाने के काम में आता है। अधिकतर नकली, रेशम का उपयोग मिलावट के लिए ही होता है । क्रमशः नकली रेशम के कपड़े, की मांग तेज़ी से बढ़ती जा रही है। अभी यह कह सकना कठिन है कि
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