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पृष्ठ:आर्थिक भूगोल.djvu/२६५

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व्यापार

व्यापार २५५ किसी देश के व्यापार पर. वहाँ की स्थिति का बहुत प्रभाव पड़ता है। जिन देशों की स्थिति ऐसी है कि संसार के मुख्य व्यापार स्थिति मार्गों से उसका सम्बन्ध है तव तो वहां की व्यापारिक (Situation) उन्नति शीघ्र होगी और यदि उसकी स्थिति ऐसी है कि वह देश अकेला पड़ जाता है तो उसका व्यापारिक महत्व कम हो जाता है। उदाहरण के लिए रूस, सायवेरिया, मध्य एशिया व्यापारिक मार्गों से दूर अन्दर की और है किन्तु ब्रिटेन, भारत, संयुक्तराज्य अमेरिका की स्थिति अच्छी है। ब्रिटेन के व्यापार की जो इतनी अधिक उन्नति हुई इसका एक कारण यह भी है कि वह उन्नतशील महाद्वीपों के मध्य में है। आजकल जो देश समुद्र के किनारे नहीं हैं, समुद्र से दूर हैं वे व्यापारिक उन्नति नहीं कर सकते। यदि देश की स्थिति ऐसी है कि वह सुरक्षित है तो उसके उद्योग-धंधे और व्यापार की उन्नति होगी। जिन देशों का समुद्र तट बहुत कटा हुधा होता है वहाँ बंदरगाह अभिक होते हैं, देश का प्रत्येक भाग समुद्र के समीप हो जाता कटा हुआ समुद्र है। इस कारण वह व्यापार अधिक होता है। यही तट (Broken नहीं वहां के निवासी सामुद्रिक यात्रा के अभ्यस्त होने coastlive) के कारण अधिक साहसी होते हैं इस कारण उस देश की औद्योगिक तथा व्यापारिक उन्नति होती है। ब्रिटेन तथा हालैंड का समुद्र तट उनकी आर्थिक उन्नति में बहुत ही सहायक , - नदियां भी व्यापार के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं । संसार में कुछ नदियों ने तो वहाँ की सभ्यता का निर्माण करने में बहुत नदियाँ महत्वपूर्ण भाग लिया है । उदाहरण के लिए नील, गंगा, सिंघ, यूफैटीज़ और टाइग्रीज़ तथा यांग्टिसी कियांग और हांगहों की घाटियाँ इन देशों की सभ्यता का निर्माण करने वाली हैं। यदि नदियों में यथेष्ट जल होता है और वे खुले हुए समुद्र में गिरती हैं तो वे व्यापार का एक मुख्य साधन बन जाती हैं। नदियों की घाटियों में पैदावार खूब होती है और उसके आधार पर व्यापार होता है। पहाड़ अधिकतर जनसंख्या के विस्तार तथा व्यापार के लिए बाधक होते हैं क्योंकि मार्गों की सुविधा उनमें नहीं होती । पहाड़-मैदान किन्तु मैदान व्यापार तथा जनसंख्या के विस्तार में सहायक सिद्ध होते हैं । क्योंकि वहाँ पैदावार भी खूब होती है और मार्गों की भी सुविधा होती है।