. .. - - . तथा अन्य . आर्थिक भूगोल सोयाबीन, कपास, रेशम, चावल, चुकंदर, मक्का, बाजरा, गेहूँ, मछली, फर, गाय, बैल, पाइन स्पस, सनोवर, श्रोक ( बलूत ) मंचूरिया बहुमूल्य लकड़ी यहाँ की मुख्य (पैदावार ) पैदावार है। लोहा, कोयला, सोना, सीसा, मैंगनीज़, तांबा, तथा अफाइट यहाँ के खनिज पदार्थ मुख्य खनिज पदार्थ हैं। यहाँ रेशम, सूती ऊनी कपड़े का धंधा, केमिकल वर्स, सोयाबीन का तेल, चीनी मिट्टी के बर्तन, शीशा, कागज, श्राटा, धंधे चुकंदर की चीनी का धंधा भी होता है.जो कुछ थोड़े धंधे यहाँ बढ़े वे जापानी पूंजीपतियों के कारण बढ़ , सके। . खनिज है। यहाँ की मुख्य पैदावार गेहूँ, बाजरा, खाल, फर, ऊन, भेड़ बकरी और मंगोलिया सुधर हैं। खनिज पदार्थों में केवल सेना निकलता है। यहाँ का मुख्य पैदावार, रेशम, कपास, खाल और जन है और सोना यहाँ सिनकियांग का मुख्य खनिज पदार्थ है। तिब्बत में जौ, दाल, अंगूर, नासपाती, भेड़, याक, भैंस, सुअर और ऊँट होता है । साना और नमक तथा बौरैक्स यहाँ का मुख्य तिब्बत समस्त चीन में २४८, २८०,०००,००० टन कोयला कूता जाता है जिसमें ३,६९६,०००,००० टन मंचुकाउ में है और शेष चीन में है। इस देश में लगभग १,०००,०००,००० टन लोहा भरा पड़ा है। और ३,२७४०,०००,००० पीपे मिट्टी का तेल और पैट्रोलियम (१ पीपा ४२ गैलन ) भरा है। चीन प्राकृतिक देन का अत्यन्त धनी देश है किन्तु उसकी श्रौद्योगिक उन्नति नहीं हो सकी । औद्योगिक उन्नति की दृष्टि से वह अत्यन्त पिछड़ा सायबेरिया विशाल देश में जिसका क्षेत्रफल ५,२००,००० वर्ग मील है केवल १५,०००,००० मनुष्य निवास करते हैं। सायवरिया ऐसा अनुमान किया जाता है कि सायबेरिया का एक चौथाई भाग १,३००.००० वर्ग मीम ही बसने के योग्य है। पिछले दिनों जब सोवियत रूस ने अपने देश की श्रौद्योगिक
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