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पृष्ठ:आर्थिक भूगोल.djvu/३२६

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मुख्य व्यापारिक देश

मुख्य ब्यापारिक देश ३१७ 3 योजनाओं के द्वारा आर्थिक उन्नति का प्रयत्न किया तब सायबेरिया के खनिज पदार्थो की ओर उसका ध्यान गया और यहाँ खनिज पदार्थों को निकालने का धंधा बढ़ा। इन पंच वर्षीय योजनाओं के फल स्वरूप सायबेरिया. में कोयले का धंधा और कुजनेट ज़ बेसिन ( Kuznetak) का लोहे और स्टील का धंधा बहुत उन्नति कर गया । सायबेरियां का उत्तरी भाग टुंड्रा है जो अत्यन्त ठंडा है इस कारण यह खेती के अयोग्य है । टुंड्रा के दक्षिण में कानीफोरस वन हैं जिनको तेगा ( Tuiga) कहते हैं। पाइन, लार्च, सायबेरियन फर ( सनोबर ) स्पस तथा सिडार' के मूल्यवान वन हैं। कानीफोरस वन का उत्तरी भाग खेती के अयोग्य है । दक्षिण में अवश्य खेती हो सकती है। यहाँ की मुख्य फसलें सन, श्रोट, राई. जौ, गेहूँ दक्षिण भाग में उत्पन्न होता है कुछ जिलों में दूध का धंधा भी बढ़ रहा है। काली मिट्टी का प्रदेश सायबेरिया का खेती की दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण प्रदेश है । यहाँ खेती की बहुत उन्नति हुई है। गेहूँ काली मिट्टी का यहाँ बहुत पैदा होता है और उसके उपरान्त श्रोट और प्रदेश ( Black राई भी बहुत उत्पन्न होती है। सायबेरिया में जितनी enrth Belt ) भूमि पर खेती होती है उसकी ६० प्रतिशत भूमि पर येही तीन वस्तुएँ उत्पन्न की जाती हैं। सायवेरिया का दक्षिण-पश्चिम-भाग अत्यन्त सूखा है और दक्षिण पूर्वी भाग पहाड़ी हैं इस कारण यहाँ खेती की अधिक उन्नति नहीं हो सकती। सायबेरिया में वन बहुत विस्तृत और घनी हैं। ऐसा अनुमान किया ८००,०००,००० से २७००,०००,००० सायबेरिया के धंधे एकड़ भूमि पर वन खड़े हैं। सायबेरिया के वन संयुक्तराज्य अमेरिका के बनों से अधिक विस्तृत और मूल्यवान हैं किन्तु अभी तक इन वनों का अधिक उपयोग नहीं हो सका है। इन वनों में लकड़ी के अतिरिक्त फर बहुत इकट्ठे किये जाते हैं और यहाँ से बहुत बड़ी राशि में फर बाहर भेजे जाते हैं। सायवेरिया खनिज पदार्थों को दृष्टि से घनी है। यहाँ कोयला और लोहा बहुत पाया जाता है। कुज़नेटज़ बेसिन ( Kuzneta. Busin ) इरक्यूटस्क वेसिन ( Irkutusk Basin ) किरगिज़ के सत्रप के मैदान (Kirgiz Steppe ) उत्तरीय करात्फ ( सखालीन ) में बहुत कोयले की खाने हैं। कुजनेटज से ४० मील दूर दक्षिण में टेलबेस ( Telbes') के जाता है कि