मुख्य व्यापारिक देश ३२३ देशों ने बाहर से आने वाले माल पर अत्यधिक चुंगी बिठा दी है इस कारण ब्रिटेन के व्यापार को रुकावट होने लगी है। यही नहीं पिछले युद्ध ( १९३६-४५ ) में बम्ब वर्षा के कारण ब्रिटेन के धंधों को हानि पहुँची है। ब्रिटेन की बहुत सी पूजी नष्ट हो गई है वह अमेरिका का ऋणी हो गया है और अमेरिका एक प्रबल प्रतिद्वन्दी के रूप में सामने आया है। भारत का स्वतंत्र हो जाना भी उसके व्यापारिक पद को नीचा ही करेगा। ब्रिटेन संसार का एक बहुत ही घना श्राबाद देश है । इङ्गलैंड, स्काटलैंड और वेल्स की जनसंख्या १६३१ में ४४,७६०,४८५ जन-संख्या थी। यहाँ की जनसंख्या का प्रति वर्ग मीन्न ६५ औसत है। बैलजियम और जावा को छोड़कर संसार में इतना घना धाबाद कोई राष्ट्र नहीं है । उत्तर इङ्गलैंड तथा दक्षिण वेल्स बहुत घने श्राबाद हैं क्योंकि वे औद्योगिक प्रदेश हैं। अभी कुछ वर्षों से दक्षिण पूर्व में विशेषकर लंदन के समीपवर्ती प्रदेश में श्राबादी बहुत घनी हो गई है। उत्तर के औद्योगिक प्रदेश में १००० मनुष्य प्रति वर्ग मील पीछे रहते हैं। खेती की रष्टि से जो प्रदेश महत्वपूर्ण हैं वहाँ ५०० मनुष्य प्रति वर्ग मील आबादी है किन्तु पहाड़ी प्रदेश में आबादी कम है। ब्रिटेन में खनिज पदार्थ अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं। ब्रिटेन के मुख्य खनिज खनिज पदार्थ नीचे लिखे हैं:- (हजार टनों में) कोयला २२८,००० लोहा १४,२०० सीसा जिंक ३ जिपसम ( Gypsurn) १,०६२ रेत का पत्थर ( Sind Stone) ४,३४६ चूने का पत्थर ( Lime Stone) १५,६२६ खड़िया १०,१६७ ब्रिटेन में लोहा और कोयला समीप ही पाया जाता है ब्रिटेन में कोयला बहुत राशि में पाया जाता है। वार्षिक उत्पत्ति में व जहाँ तक कोयले का प्रश्न है ब्रिटेन का संसार में तीसरा स्थान है । देश की लगभग चालीस लाख जनसंख्या इस पर निर्भर है। अधिकांश ब्रिटेन की कोयले की खाने -
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