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पृष्ठ:आर्थिक भूगोल.djvu/३७२

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३६३
मुख्य व्यापारिक देश

मुख्य व्यापारिक देश ३६३ जलवायु के अनुसार ही यहां की पैदावार भी भिन्न हैं। उत्तर तथा दक्षिण में भूमध्य सागर की जलवायु होने के कारण वहाँ जैसी ही पैदावार होती है । भूमध्य सागर तथा भूमध्य रेखा के बीच में रेगिस्तान हैं। भूमध्य रेखा के समीपवर्ती प्रदेश में सघन वन हैं, ये वन इतने सधन हैं कि इनमें मागों की सुविधा नहीं है। बाकी प्रदेश शुष्क है । जहाँ सिंचाई की सुविधा है वहाँ पैदावार होती है । दक्षिण में मरुभूमि कम है किन्तु उत्तर में सहारा का विशाल प्रान्त एक भयंकर मरुभूमि है जहाँ पैदावार विलकुल ही नहीं होती। इस महाद्वीप में बहुत सी जातियां निवास करती हैं । उत्तर में अरब, दक्षिण सहारा में सुडानी, तथा चन्टू निवास करते हैं और दक्षिण अफ्रीका में हशी तथा जुलू जातियां निवास करती हैं। यह देश नील नदी के मुहाने चन्दरगाह इजिष्ट (मिल) से वादी माँ प्रसिद्धनगर राजधानी मक्का हल्फा तक फैला हुआ है। पूर्व में इसके लाल सन्ना सागर और पश्चिम में लीवियनमस मरुभूमि है । अधिकांश जनसंख्या नील नदी से सींचे जाने वाले प्रदेश में ही निवास करती है । विस्तृत मरुभूमि में नील व्यापारका नदी एक विशाल जल- गाद श्रोत के समान बहती है। इस देश में लगभग १०,००० वर्ग मील भूमि खेती के योग्य है और इस थोड़ी सी भूमि पर एक करोड़ चालीस लाख दांत मनुष्य निवास करते हैं। ग्वेती वारी ही इस जनसंख्या का आधार है। यहाँ उद्योग धंधे उन्नत नहीं हुए हैं। ग्रीष्मकाल की वर्षा के कारण नील नदी में जो बाढ़ आती है उसी से खेतों की सिंचाई