आर्थिक-भूगोल युग मध्य ( Mesozoic ) युग कहलाता है, और इस युग को बनी हुई चट्टानों को मध्यकालीन (Mesozoic ) चट्टानें कहते हैं । इस युग में पृथ्वी पर सो को बहुतायत थी इस कारण इसे सो का युग भी कहते हैं। चौथा युग अर्वाचीन ( Tertiary ) युग कहलाता है । इस युग में, अपने बच्चों को दूध पिलाने वाले पशुओं, और मनुष्य का आविर्भाव हुआ और उनकी ही बहुतायत रही। इस कारण यह युग दूध पिलाने वाले पशुओं और मनुष्य का युग कहलाता है । इन चार युगों का भी भूगर्भ वेत्ताओं ने छोटे छोटे युगों में विभाजन किया है। प्राचीनतम युग ( Archaczoic ) की चट्टानें संसार में सबसे पुरानी हैं। ये चट्टाने धीरे धीरे घिसती हैं और पृथ्वी पर उपजाऊ मिट्टी बिछाती हैं, इसके अतिरिक्त इन चट्टानों में बहुत सी धातुयें भी पाई जाती हैं। उदाहरण के लिए उत्तरी अमेरिका की कोयले की खानें इन्हों चट्टानों में पाई जाती हैं। कहीं कहीं इन्हीं चट्टानों में लोहे और सोने की खाने भी मिलती हैं। प्रारम्भिक युग ( Palaeozoic ) की चट्टानें प्राचीनतम युग की चट्टानों को घिसी हई मिट्टी के जम जाने से बनी हैं। इन चट्टानों में महत्त्वपूर्ण धातुओं की खाने बहुतायत से पाई जाती हैं । इसी युग की कैम्ब्रियन (Cambrian ) नामक चट्टानों में सोना बहुतायत से मिलता है। इसके अतिरिक्त इन्हीं चट्टानों में तेलं की गैस और तेल पाया जाता है। विद्वानों का विश्वास है कि मछलियों इत्यादि के एक स्थान पर चट्टानों में दब जाने से तेल, तथा वनस्पति के दब जाने से गैस बनी। जिस जगह पर परवर्तित ( Metamorphic ) तथा अग्निमय (Igneous) चट्टानों का मेल होता है वहां टिन, लोहा, तथा ताबा अधिक पाया जाता है। कार-बोनीफरस (Carboniferous) समय (प्रारम्भिक युग का एक उपयुग) को चट्टानों में ही संसार की समस्त फोयले की चट्टाने पाई जाती हैं। इन्हीं चट्टानों में योरोप उत्तरी अमेरिका तथा अन्य देशों की कोयले की खानें मिलती हैं। कहीं कहीं इन्हीं चट्टानों में लोहा भी बहुतायत से मिलता है। परमियन (Permion) चट्टानों (जो प्रारम्भिक युग को ही चट्टान है) के प्रदेशों से ही अधिकतर नमक निकलता है । योगेप में जो कुछ नमक खोदा जाता है वह इन्हीं चट्टानों का प्रसाद है। मध्यकालीन ( Mesozoic ) चट्टाने घातुओं की दृष्टि से तो अधिक महत्वपूर्ण नहीं हैं, परन्तु इन चट्टानों से जो मिट्टी बनती है वह अत्यन्त
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