पृष्ठ:आर्थिक भूगोल.djvu/४५४

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सिंचाई

सिंचाई canals ) तथा उनकी शाखाओं की लम्बाई ही केवल ७५,००० मील है। संसार के अन्य किसी भी देश में इतनी बड़ी और इतनी अधिक नहरें नहीं हैं । स्थायी नहरों के अतिरिक्त यहाँ अस्थायी नहरें ( Inundation Land Irngated by Canals. Land Irrigoled by Tonks. o Lönd Irrigated by wells cenals ) भी बहुत हैं । नहरों के अतिरिक्त लाखों की संख्या में कुरें और तालाब हैं। फिर भी भारतवर्ष की खेती के लिए सिंचाई पूरी नहीं हो पाती। भारतवर्ष में रखी की फसल के लिए अधिकांश प्रान्तों में सिंचाई की आवश्यकता होती है। पंजाब, सिन्ध तथा सीमान्त प्रान्त में बिना सिंचाई के खेती सम्भव ही नहीं है । कुछ भाग ऐसे हैं जहाँ वर्षा बहुत अनिश्चित है और अकाल की अधिक सम्भावना रहती है। अतएव वहां सिंचाई . प्रबंध करना आवश्यक हो गया है। ....भारतवर्ष में सिचाई के मुख्य साधन हैं-(१) नहरें, (२.) कुवें का .