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आर्थिक भूगोल

बार्षिक भूगोल मिलता है. निरा की नहरों से ६७१००० एकड भूमि सींची जाती है। इन नहरों के पलं स्वरूप इन पार्टियों में गन्ने की खेती बहुत बढ़ गई है। इन नहरों के अतिरिक्त दक्षिण में पैरियर को नहर ( Perivar Project) विशेष महत्वपूर्ण हैं। पैरियर नदी कारडैमन की पहाड़ियों से निकल कर पश्चिम की कोर अरब सागर में बहती थी। इन पहाड़ियों .. m Conale के पूर्व में मदरास के मदयूग तथा तिनेवाली जिले थे। जिन्हें पानी की बहुत आवश्यकता थी। अतएव पश्चिम की तरफ. एक बड़ा बांध (१७५ फीट ऊँचा ) बना कर नदी को एक मील में परिणत कर दिया गया। इस मील से १५० मील लम्बी एक नहर निकाली गई है जो कि पहाड़ में १६ मील लम्बी सुरंग ( Tunnel') बनाकर पूर्व की तरफ लाई गई है और पूर्व के शुष्क जिलों को सींचती है। - बिहार और बंगाल में भी कुछ नहरें हैं किन्तु उनमें से कुछ ही का उपयोग चावल की फसल को सींचने में होता है। सिंचाई की दृष्टि से ये नहरें महत्त्वपूर्ण नहीं हैं | बंगाल में नहरें सोन, रूपनारायन, मका, तपा अन्य नदियों से निकाली गई हैं किन्तु उनका उपयोग अधिकतर माल ढोने, पीने के लिए पानी देने तथा नीचे मैदानों के व्यर्थ पानी को बहा ले जाने के लिए होता है। भारतवर्ष में लगभग ५ करोड़ एकड़ भूमि सींची जाती है। इस सींची हुई भूमि की आधी नहरों के द्वारा सींची जाती हैं, शेष कुत्रों और तालाबों