सिंचाई. ४५७ हैदराबाद का निजाम सागर तथा मैसूर का कृष्ण राजा सांगर नामक तालाबों से बहुत सिंचाई होती है । मैसूर के कृष्णा राजा सागर के पानी से बिजली उत्पन्न होने के अतिरिक्त १२६,००० एकड़ भूमि की सिंचाई होती है। दक्षिण भारत, मध्य भारत, दक्षिण राजपूताना तपा उत्तरी बिहार में तालाबों से सिंचाई अधिक होती है। ब्रिटिश भारत में मदरास तथा उत्तर बिहार में तालाबों के द्वारा सिंचाई बहुत होती है। केवल मदरास प्रान्त में ३५,००० छोटे बड़े तालाब हैं जिनसे लगभग तीस लाख एकड़ भूमि सींची जाती है। बुंदेलखंड तथा मध्यप्रान्त में भी तालाब हैं। Punjab U.P. Madras Canals Bihar Wells Sind Rest of India Tanks Other sources Milion acres दक्षिण प्रायद्वीप में ही अधिकतर तालाब पाये जाते हैं। इसका कारण यह है कि दक्षिण की नदियों गरमी में सूख जाती हैं। 'अस्तु उनसे नहरें नहीं निकाली जा सकती । पृथ्वो भी पथरीली है। इस कारण नहरें नहीं खोदी जा सकती। हां कुओं का सिंचाई के लिए अवश्य उपयोग होता है परन्तु कुओं के खुदवाने में भी व्यय बहुत होता है (१००० ६० के लगभग)। दक्षिण के पहाड़ी प्रदेश में बरसात के दिनों में सैकड़ों छोटे छोटे नदी नाले बरसात के पानी को बहा ले जाते हैं। गांव के लोग बांध बनाकर उन मालों को रोक देते हैं। भूमि पथरीली होने के कारण पानी को नहीं सोखती। गाँव की पंचायत इन तालाबों की देखभाल करती है और बाँध की मरम्मत करवाती है। दक्षिण में इन तालाबों को पटबंध्रा कहते हैं। यह तो पहले ही बताया जा चुका है कि भारतवर्ष में २० प्रतिशत खेती की भूमि सींची जाती है । कतिपय प्रान्तों में सिंचाई के साधनों के सम्बन्ध में नीचे दिये हुए श्रांकों से प्रकाश पड़ेगा। श्रा० भू०-५८
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