करने. vey आर्थिक भूगोल गरमी, अधिक वर्षा तथों उपजाऊ भूमि की आवश्यकता होती है। भारतवर्ष में बंगाल, आसाम, बिहार-उड़ीसा तथा मदरास चावल उत्पन्न . वाले प्रान्तों में मुख्य हैं। देश का तीन चौथाई चावल इन्हीं प्रान्तों में उत्पन्न होता है। इनके अतिरिक्त संयुक्तपान्त, पंजाब, मध्यप्रान्त, बरार, सिन्ध तथा बम्बई में भी कुछ चावल होता है। बंगाल में खेती की लगभग तीन चौथाई भूमि पर चावल उत्पन्न होता है। यदि भारतवर्ष की वर्षा का अध्ययन किया जाय तो यह संष्ट हो जायेगा कि जिन प्रदेशों में वर्षा A Rice अधिक होती है उन्हीं प्रदेशों में चावल की पैदावार भी अधिक होती है। भीतर की तरफ़ जैसे जैसे वर्षा कम होती जाती है वैसे ही वैसे चावत को खेती भी कम होती जाती है। बंगाल और आसाम में चावन्न को खेती विना सिंचाई के होती है किन्तु अन्य सब प्रान्तों में चावल की खेती उन्हीं इलाकों में होती है जहां सिंचाई की सुविधा है। पंजाब की नहरों के प्रदेश में, मदरास की नदियों के डेल्टों में, तथा सक्खर बांध की नहरों के इलाके में चावल उत्पन्न होता है । संयुक्तपान्त के पूर्वी जिलों तथा तराइ ,
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