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आर्थिक भूगोल

चाधिक भूगोल " .: भारतवर्ष में संसार की समस्त उत्पत्ति की केवल २ प्रतिशत रखर उत्पन्न होती है । वर मुख्यता दक्षिण में उत्पन्न होती है। रबर .( Rubber ) मदरास, कुर्ग, मैसूर, ट्रावंकोर, और कोचीन मुख्यतः रखर उत्पन्न करते हैं। रखर की उत्पत्ति ट्रावकोर में ६० प्रतिशत मदास 'कोचीन कुर्ग भारतीय रबर के बागों में ३०,००० मजदूर काम करते हैं। भारतीय रबर मुख्यतः विदेशों को भेजी जाती है। भारत को रखर विशेष कर ब्रिटेन, सोलौन, हालैंड, स्ट्रैटसैटिलमेंट और जर्मनी को जाती है। कोचीन के बंदरगाह से ही सारी रखर बाहर जाती है मनुष्य का पशु-पक्षी तथा अन्य जन्तुषों से घनिष्ठ सम्बन्ध है। बहुत सो वस्तुओं के लिए तो हम पशु-पक्षियों पर नितान्त . पशु-पक्षी मछलियाँ निर्भर हैं। प्राचीन काल में हमारे पूर्वजों ने कुछ तथा रेशम पशु पक्षियों को पालतू..बनाया जिनका . उपयोग..हम श्राज भी करते हैं। हमारे पूर्वजों ने बहुत पहले ही इस बात को समझ लिया था कि केवल शिकार पर. भोजन के लिए. निर्भर, रहना बुद्धिमानी नहीं है। श्रतएव उन्होंने घास खाने वाले पशुओं को. पाल कर उनकी नस्ल को उत्पन्न करना शुरू किया क्योंकि घास ख़ाने वाले पशु कैद में रहकर भी फलते फूलते हैं.और स्वभाव से हिंसक नहीं होते । वाद को मनुष्य ने पशुओं का उपयोग अन्य उत्पादक कार्यों में भी करना शुरू कर दिया । अब हम यहां मारतवर्ष के उन पशुओं के विषय में लिखेंगे जिनका श्राधिक महत्व है। “भारतवर्ष कृषि प्रधान देश है जहाँ का किसान छोटे छोटे खेतों पर खेती करता है। अस्तु यहाँ कृषि यंत्रों का अधिक गाय और वैल उपयोग नहीं हो सकता । और न बिजली और स्टीम का ही अधिक उपयोग हो सकता है। यही कारण है कि यहाँ खेती के लिए बैल अत्यन्त आवश्यक पशु. है। खेत जोतने से लेकर फसल को मंडी ले जाने तक सारी क्रियायें बैल की सहायता से ही होती हैं। भारतवर्ष में २१ करोड़ के लगभग गाय-बैल है। संसार में इतने अधिक . ..