पृष्ठ:आर्थिक भूगोल.djvu/५१८

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आर्थिक भूगोल

। उद्योग धंधे .. ५०७ . -- . है। वास्तव में टाटा पायरन वर्क्स के स्थापित होने के उपरान्तः ही. लोहे और स्टील का धंधा इस देश में महत्वपूर्ण धंधा बन सका। टाटा. श्रायरन वर्स के स्थापित होने से देश.के औद्योगिक विकास के इतिहास में एक नया.. परिच्छेद खुल गया । स्वर्गीय जे०, यन० टाटा प्रथम श्रेणी के. जन्म-जात, व्यवसायी थे। उन्होंने अनुभव किया कि बिना : स्टील के धधे की, उन्नति हुये देश की औद्योगिक उन्नति नहीं हो सकती।, जब उन्होंने स्टील : तैयार करने के लिए कारखाना स्थापित करने की बात 'चलाई तो -विशेषज्ञों ने.. उनको हतोत्साह किया। उनका कहना था कि : भारतवर्ष में स्टील तैयार. ही नहीं किया जा सकता। किन्तु, श्री टाटा महोदय इस प्रकार निराश, होने: वाले व्यक्तियों में से नहीं थे। वे अमेरिका गये और वहाँ से :श्री . सी० यम० वेल्ड, के नेतृत्व में एक स्टील विशेषज्ञों के दल को लाये। खोज करने के उपरान्त श्री वेल्ड महोदय ने राजारा पहाड़ियों में जो. मध्यप्रान्त में हैं. संसार . की अत्यन्त धनी लोहे की खानों को दढ निकाला। किन्तु प्रारम्भ में राजारा , पहाड़ियों के कच्चे लोहेको निकालना कठिन था। इस कारण गुरुमेशनी, खानों के लोहे को झरिया के कोयले से ग़लाना निश्चय किया ...,' . : ...

टाटा पायरन स्टोल कम्पनी ने अपने कारखाने को स्थापित करने के

लिए साकची:नामकःसंथाली गाँव चुना जो कि बाद को जमशेदपूर के नाम से प्रसिद्ध हुआ | जमशेदपर विहार के सिंगभूमि में है। इसके उत्तर में : सुबनरेखा; तथा खारकाई नदी पश्चिम में, बहती हैं। वास्तव में; जमशेदपूर . इन दोनों नदियों द्वारा बनाई हुई एक घाटी में स्थित है। यह. घाटी : केवल तीन मील चौड़ी है, इसके उत्तर और दक्षिण में पहाड़ियाँ हैं जिनमें लोहे. की खाने हैं। जिन खानों से टाटा के कारखाने के लिए लोहा धाता है वह इन्हीं.पहाड़ियों में ६० मील की दूरी पर हैं और कोयला : झरिया · की खानों.. से आताः 1: है, जो कि यहाँ से १०० मील की दूरी पर है। सुबनरेखा.. तपा . खोराकी नदियों से पानी मिलता है। लोहे और स्टील के धंधे-के लिए मीठे. और साफ पानी की बहुत आवश्यकता होती है। ये नदियों छोटी . होने के कारण : गरमी में सूख जाती हैं। इस कारण नदियों का पानी; सूखने के पूर्व : ही.एक बड़े तालाब में पम्प करके इकट्ठा कर लिया जाता है। टाटां के कारखाने को बी० यन० पारे कलकत्ता तथा बम्बई से. 'जोड़ती है। श्रतएव ' टाटा का सामान बड़ी सुविधा से कलकत्ता और बम्बई को . मंडियों में पहुँच सकता है। टाटा के कारखाने को केवल लाइमस्टोन या डोलोमाइट दूर से मँगाना , पड़ता है। अच्छा लाइमस्टेन जेमशेदपुर से २०० मील की दूरी पर मिलता .. . 1 . ..

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