पृष्ठ:आर्थिक भूगोल.djvu/५२०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
५०९
उधोग-धंधे

1 उद्योग-धंधे, .:: स्टील कम्पनी के नाम से हीरापुर में एक कारखाना खोला । कलकत्त.की बर्ड एपड:कम्पनी ने मी मनोहरपुर में यूनायटैह-स्टील कारपोरेशन श्राव- इंडिया लिमिटेड नामक एक कारखाना स्थापित किया है। बंगाल और बिहार के बाहर केवल एक ही लोहे का. कारखाना है जो कि मैसूर राज्य में है। यह कारखांना भद्रावती नामक स्थान पर है और मैसूर राज्य की रेलवे लाइन की विरुर-शिमोगा शाखा इसको जोड़ती है। कारखाना भद्रा नदी के पश्चिम किनारे पर हैं। कारखाने के समीप ही बहुत बड़े जंगल हैं जिनकी लकड़ी के कोयले से कारखाने में लोहा गलाया जाता है । मैसूर राज्य में कोयला नहीं है और बंगाल बिहार से कोयला मँगा कर लोहा गलाना बहुत ही खचीला है। अतएवं भद्रावती के कारखाने में लकड़ी के कोयले का ही उपयोग किया जाता है। भारतवर्ष में केवल भद्रावती का ही कारखाना, ऐसा है जहाँ लकड़ी का कोयला काम में आता है। कच्चा लोहा केमानगुन्दी को खानों से आता है.। यह खाने बाबा बुदान की पहाड़ियों में स्थित हैं और भद्रावती से केवल २६ मील दक्षिण में हैं। लाइमस्टोन. भद्रावती से केवल १३ मील पूर्व में भांदिगुद्दा नामक खानों से आता है। कच्चे लोहे तथा, लाइमस्टोन को दृष्टि से भद्रावती की स्थिति अन्य कारखानों. से अच्छी है। हाँ यहाँ का कच्चा लोहा बहत अच्छा नहीं है। लोहा और स्टील के अतिरिक्त इन कारखानों में बहुत सी रसायनिक वस्तुयें कोक से तैयार होती है । 'इनमें सलकेट श्राफ अमोनिया और कोलतार मुख्य हैं । टाटानगर में कुल्टी तथा अन्य स्थानों पर जहाँ लोहा गलाने के लिये कोक काम में लाया जाता हैं कोलतार तथा अमोनियोंसलटं तैयार किया जाता है और मद्रावती में जहाँ लकड़ी का कोयला काम में लाया जाता है। लकड़ी का एलकाहल (Wood Alcohol) तथा लकड़ी का तार (Wood Tar) तैयार किया जाता है। भद्रावती में लोहे के कारखाने को गौण वस्तुओं विशेषकर स्लैग ( Sing) का उपयोग करने के लिए सीमेंट का कारखाना अभी थोड़े दिन हुए स्थापित किया गया है । भारतवर्ष में १९३८ में १८०५ लाखा टन कच्चा लोहा निकाला गया। जब कच्चे लोहे के संसार की उत्पत्ति ७ करोड ५० लाख टन थी। इसी: वर्ष: भारतवर्ष के कारखानों ने. १५७६००० टन पिग़ आयरन:तैयार किया जबकि पृथ्वी के सब देशों की उत्पत्ति ८. करोड ३० लाख टन. थी। इसी वर्ष भारतवर्ष के कारखानों ने ६८२,००० टन . स्टील तैयार किया जबकि पृथ्वी के सब देशों की स्टील.की उत्पत्ति १० करोड़ के लगभग थी । कच्चे लोहे.से.. पिगः श्रायरन तथा स्टील का अधिक होने का कारण यह है कि पुराना रद्दी. लोहा भी इसमें सम्मिलित कर लिया गया है।