गमनागमन के साधन ५२७ के लिए लगान कानून में सुधार और सड़कों को बनवाना, यही दो काम हैं जो कि उन्हें अधिक श्राकर्षित कर सकते हैं भारतवर्ष में कुछ ट्रक सड़के हैं जो देश के भिन्न भिन्न भागों को जोड़ती हैं। इन ट्रंक से अन्न सडकें सम्बंधित हैं। वस्तुतः इन ट्रक सड़कों से देश की अन्य सड़के मिलती हैं। इस कारण इनका व्यापारिक महत्व अधिक है। इनमें ग्रांड ट्रंक सड़क सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण है । यह सड़क पेशावर से कलकत्ते तक जाती है । इसके अतिरिक्त कलकत्ता से मदरास जाने वाली, मदरास से.बम्बई . जाने वाली, और चम्बई से देहली जाने वाली ट्रक सड़कें भी महत्वपूर्ण हैं । यद्यपि ये सड़कें अच्छी अवस्था में रहती हैं और इन पर मोटर ट्रैफिक बहुत बढ़ गया है फिर भी इनमें सुधार की बहुत आवश्यकता . है। यह तो पहले ही कहा जा चुका है कि दक्षिण में सड़कें अच्छी हैं। परन्तु राजपूताना, सिंध, उड़ीसा और पंजाब में सड़कें बहुत कम हैं । बंगाल में में अधिकांश कच्ची सड़के हैं। पश्चिमी प्रान्तों में पानी की कमी तथा बिखरी हुई जनसंख्या के कारण तथा पूर्व में वर्षा तथा नदियों की अधिकता के कारण सड़कें नहीं बन सकतीं। पहाड़ी भागों में विशेष कर दक्षिण राजपूताना, मालवा, तथा हिमालय में पहाड़ी प्रदेश होने के कारण सड़के बनाने में कठिनाई होती है। १९२० के उपरान्त भारतवर्ष में मोटर ट्रफिक इतनी अधिक बढ़ गई है कि रेलों से नीषण. प्रतिस्पर्धा होने लगो है। बात यह है कि मोटर बस थोड़े से फासले में चलती हैं इस कारण मुसाफिरों को अधिक सुविधा प्रदान कर सकती हैं। उदाहरण के लिए यदि इलाहाबाद जिले का कोई किसान अपने मुकदमें के लिए गाँव से प्रयाग श्राना चाहता है तो उसे मोटर कचहरी के समय पर पहुँचा सकता है और रा िहोते वह मोटर द्वारा घर तक पहुँचा सकता है। परन्तु रेलों के आने जाने के समय एक बहुत बड़े क्षेत्र की सुविधाओं को ध्यान में रख कर निश्चित किया जाता है। इसी प्रकार माल ले जाने में भी मोटर अधिकतर कीमती माल को ही ले जाते हैं और व्यापारी के गोदाम में सामान उतार देते हैं। यही नहीं व्यापारी भी अपने माल के साथ चला पाता है। रेलवे लाइनें यह सब सुविधायें प्रदान नहीं कर सकतीं। यहीं नहीं सड़कें राज्य बनवाता है और मोटर उसका उपयोग करते हैं। यही कारण है कि सरकार ने पिछले दिनों पैट्रोल कर बढ़ा कर मोटरों से सड़कों के बनाने और उनकी मरम्मत करने में जो व्यय होता है उसका अधिकांश भाग वसूल करना शुरू कर दिया है । आवश्यकता इस बात .
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