भारत की जनसंख्या प्रति वर्ग मील पीछे जनसंख्या १६३१ २१३ १९४१ २४६ समस्त भारत प्रान्त ३५० २३५ ६२७ ४१५ २३८ मदरास बम्बई बंगाल संयुक्त प्रान्त पंजाब बिहार मध्यप्रान्त बरार श्रासाम सीमाप्रान्त उड़ीसा सिंघ अजमेर मेवाड़ा अंडमन निकोबार ३६१ २७२ ७७६ ५१८ २८७ १२१ १७० १८६ २१३ २७१ १५७ १७६ २४६ २४३ २११ ३ 8 बलूचिस्तान १०३ १५९६ देहली देशी राज्य अपर के आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि केवल समस्त भारत की ही श्राबादी नही बढ़ी है वरन् सारे प्रान्तों की आबादी बढ़ गई है। जन संख्या का घना होना यह विखरा होना बहुत सी बातों पर निर्भर होता है। उनमें जलवायु, जीवन और धन की सुरक्षा, तथा जीवन निर्वाह के साधने मुख्य हैं । जहाँ तक जलवायु का प्रश्न है भारत के किसी माग का जलवायु ऐसा नहीं है कि जो मनुष्य निवास के अयोग्य हो । जहाँ तक सुरक्षा का प्रश्न है १५ अगस्त १९४७ के बाद जो बर्बरता का नग्न दृश्य इस देश में उपस्थित हुआ है उसके कारण पंजाब, सिंघ तपा सीमा प्रान्त में जीवना और धन की रक्षा न हो सकी और लाखों व्यक्तियों को अपने पैतृक गृहों को छोड़ना पड़ा। परन्तु वह अस्थायी था और अब देश में सुरक्षा भस्तु केवल एक कारण रह जाता है जिस पर भारतवर्ष में जनसंख्या का
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