पृष्ठ:आर्थिक भूगोल.djvu/७८

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जलवायु तथा प्राकृतिक वनस्पति

जलवायु तपा प्राकृतिक वनस्पति । पतली परत सी जमी रहती है, जो पौधे की नमी को नष्ट नहीं होने देती । और कुछ वृक्षों में पत्तियां नहीं होती वरन कोटे होते हैं जिससे उनका रस नहीं सूखता । इन रेगिस्तानों में कहीं-कहीं जल श्रोत ( Oasis) होते हैं जहाँ वनस्पति खूब उत्पन्न होती है। इनका मुख्य वृक्ष पिड. खजूर है। उत्तरी तथा दक्षिणी ध्रुव प्रदेशों में अत्यधिक ठंड पड़ती है इस कारण- अत्यधिक शीत के कारण यह मरुस्थल बन गए हैं। टुंडा अथवा ठंडी यहाँ पैदावार कुछ भी नहीं होती। यहाँ केवल मास मरुभूमि ( Moss ) और लिचन ( Lichen) नामकं घास उत्पन्न होती है। खेती यहाँ हो ही नहीं सकती। क्योंकि ६ महीने वर्फ गिरती है । टुंडा के कुछ भागों में गरमी के दिनों में (जो बहुत छोटी होती है ) थोड़ी वनस्पति उग आती है। हम ज्यों-ज्यों पहाड़ों पर चढ़ते हैं हमें'।उसा प्रकार की वनस्पति मिलती __ . है जिस प्रकार की वनस्पति ध्रुवों की ओर जाने से पहाड़ी धन मिलती है। हिमालय पर हमें उत्तरीय योरोप के समान कानीफेरस (Coniferous ) के वन मिलते हैं। जिन पहाड़ी प्रदेशों में वर्षा कम होती है।वहाँ घास के मैदान मिलते हैं। जो पहाड़ा प्रदेशों को ढके हुए हैं। स्वीटजरलैंड के पहाड़ी प्रदेश में पास के मैदान बहुत अधिक हैं। अभ्यास के प्रश्न १- भूमध्य सागर की जलवायु तथा मानसून जलवायु में क्या अन्तर है ? इन दोनों प्रकार की जलवायु में पैदा होने वाली मुख्य पैदावारें। क्या हैं? २-भूमध्य रेखा की जलवायु (Equatorial climate ) की विशेषताएँ क्या हैं ? समझा कर लिखिये और यह भी बतलाइये कि इन प्रदेशों की आर्थिक उन्नति क्यों नहीं हुई ? ३-मानसून जलवायु की विशेषताएँ बतलाइए और उनका इन प्रदेशों की खेती, उद्योग-धंधों पर कैसा प्रभाव पड़ता है इसकी व्याख्या कीजिए। ४-प्राकृतिक प्रदेश ( Natural Region ) से आप क्या समझते मा० भ०-१