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आर्थिक भूगोल

आर्थिक भूगोल वन उन्हीं प्रदेशों में उग सकते हैं जहाँ गरमी के महीनों में कम से कम ५०° फै० से गरमी कम न रहती हो, और जहाँ गरमी के महीनों में , कम से कम कुछ वर्षा २ इंच से ५ इंच तक अवश्य होती हो। जहाँ वर्षा अधिक और गरमी खूब पड़ती है वहाँ सघन वन होते हैं। ___ वन तीन प्रकार के हैं। (१) कानीफरेस (Coniferous ) वन । इन वनों में उत्पन्न होने वाले वृक्षों की पत्तियां नुकीली और लम्बी होती हैं। (२) पतझड़ वाले वन ( Deciduous Forests ) इनकी पत्तियां पतझड़ के मैमिम में झड़ जाती हैं। यह वन शीतोष्ण कटिबन्ध ( Temperate zone ) में पाये जाते हैं। (३ ) सदा हरे रहने वाले ऊष्ण कटिबन्ध के वन (Tropical ever-green forest ) यह वन सदा हरे रहते हैं और बहुत ही घने होते हैं। कानीफेरस (Cuni- ferous ) वनों में उत्पन्न होने वाले वृक्षों की लकड़ी मुलायम होती है किन्तु पतझड़ तथा सदा हरे रहने वाले ऊष्ण कटिबन्ध के वनों के वृक्षों की लकड़ी बहुत कड़ी होती है। पृथ्वी में जितने क्षेत्रफल पर वन प्रदेश हैं (पृथ्वी के क्षेत्रफल का पाँच भाग वनों से ढका हश्रा है ) उसका श्राधे भाग के लगभग सदा हरे रहने वा ऊष्ण कटिबन्ध के वनों से आच्छादित है। लगभग ३५% क्षेत्रफल पर कानीफेरस (Coniferous ) वन हैं और शेष १५ प्रतिशत पतझड़ वाले वन ( Deciduous forest ) खड़े हुए हैं। पृथ्वी में वनों का विस्तार इस प्रकार है:- दस लाख | समस्त भूमि को | पृथ्वी के समस्त वन महाद्वीप एकड़ में | तुलना में प्रदेश का प्रतिशत एशिया २०६६ २२ प्रतिशत के २८% लगभग दक्षिण अमेरिका २०६२ उत्तरी अमेरिका १४४३ २७ ,, अफ्रीका ७६७ योरोप याप्ट्रेलिया २८३ । १५ ...... % सोवियत रूस प्रजातंत्र के वन प्रदेश बहुत विस्तृत हैं। संसार के किसी भी देश में इतने विस्तृत वन नहीं हैं। पृथ्वी के समस्त वन प्रदेश का पांचवा ७७४