पृष्ठ:आलमगीर.djvu/१६५

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१५ भालममीर दिए और सपदे मारे लिए। इसके बाद उसमे -'माप पर से मेरे सरपर इए। भारी उप और मो मेरी कोम सिपाहियों को अपसे इगुनी नकार मिलेगी, और तीन महीने में पैगी नलार उपप्राव ही वी बावनी ।। मीरममा सेना और सहारन मोरारीबरपर रमेहगे। इनधे निपर उठने शाही प्रभी क पेशाम मेगा । उत्तम सा गा कि वारणा हजामत मर गए पाप भोगी को मिलमारी वरफदा पना पाप एपविरमय पानी परमी, ये माफिर और इस्लामपुरमन २, पाप से बाप और पौनगर अमीरों को फिर धागे हिराना सचमुम शर्म की बात साप हो औरहार गुव-सी गर मेरे लिए मेरी। महावत को मे गौरवाई परमही भी। अत्तने रन्त मापरेमोरच दिया। रोप पारो मे सवार बाब रिया-बारा दीक नहीं हो पाता र महामत मर परमप्रापठेमही मिह सकते। इसके लिए आप पपास दिन श्री मोरा प्ररसे में हम अपने मासिद मेमवर ग्रिी भोर मारय सेकसी बार मैगा सँगे और अगर खबर तब्बी इस पापी भिमानाने pm पर महा पैनम इरान उरारा गर वारस में एक विधामापुर निहार मिरा प्रसुना के पात पा समोश स भेष दिखा दिपोप्रारमी मगर दक्षियको मा पाऐठो गिना जायी लिए गेम बढ़ने में और बलि उसके पाव कोई ऐसा हो मिहमें पाप सिदा बने वो उमरहिर कार और पर पाप मोहोरि उसे दाना मिनी मात रमिता म लिया गया। प्रमप्र होठा प्रा-और गुमरूप