पृष्ठ:आलमगीर.djvu/१६६

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मोराण की पूरी बात १५ से मीरमहा से मिहार मागेरेमनी मोठने के लिए चुने हुए सवाय अन्वेरी यव में प्रत्याशीपुर्ण निमशरमवा भारोतरा सरत सात उन दिनों मुगल सामान्य पसबसे सम्पप और पापम्दर पार पाबोयेर प्रौर भरम, मझा, सरा, सात अरोरा, माहा भार, मदशी पाम, मास, रसाम, धोन, फा, माशरेष, मवान, मटेषिपा, मनेसा मारितामा उतारों से भारत म समई रवीण्य पा । पर मुन्दर नगर बसो नदी किनारे समुद्र से नौ लोग अन्तर पर था। मपरिवद मधील म पी पर पा प्रसस्त मात्रा नपर बा । वासी पार मासेम मपा और सम्पूर्ण ना दोरनारे बराक से परिपूर्य पार पोरने बामास गहरे समुद्र में उतार र मापार मेगावापर। ऐसी नारों प्रमोटर पर पहप रहदा पा। सोना मान सेनदी- पीपर-उधर मायामीबीदेश-विदेश गागरियो से वातीस मिनाए मग राया था। मामघरमा पर में मासदेव-वे गये। परत में पागनाने मी अनेक पारस्पने थे। इन प्रातानों में गुव पर बहाब बनाए जाते थे, सोल -पहचानी मोम्म लकी वायत से मिलती थी। पूरव बने दए बाम विहारवी पहायों की अपेक्षा माल में उछे पार मेरे । परखाने अंग्रेयों है और इमेको। एक परवाना राखी में प्रान्तीलियों मे मी पापा पा र मभर पर नयर मारठीयों, प्रान्टीसियो, अमिबो, और पर सम्पत्र निपावरपान और म्यपार-पम बना पापा।