पृष्ठ:आलमगीर.djvu/१७४

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श्रीनगुन्निने पादि मरा दी। फिर प्रिती से बहाग निहा। मुगान' भरतार मत गमान रहीम-परतमें गिराह दी। दूसरी गिरा में पान प्रपोसा बापा, पीठ में ये दूध और मिमी की रही गाँधी चोली में चाँदी प्रदाता था, पोपी गिरा पाहवारी के लिए से हुमा कर उस पलाये में लगाई । ठों में पापाप । दुधा दी और पल दिए। इन 4 मध्ये से शारबादी पा गई। प्रेग्न मोबदार, सदाबहार, नर्गिस, मानईबर, मौन इमर, दुबे बहाने पौर पर दाबमे लगी। गारवादी मे मुर बनारा-"हमारे घर में रtm दियों रोग ठर गए। ये दोडी या एम के पास । अपा- मानीमा इएसपी हो गई -"rप, प, किस कामनी ने सूर गारगो को रोस दिवा " अम्ना ने शाबादी देवार गम्भीरता से भारी रोदोको माग परिवते की मिटी भरे में बहाया। कई दिनों सी एमे करा-बसाएँ मारव प्राविमा परत मुहम्मद के नाम की तैयव बोलती है।' मारवादी वितसितारस पड़ी।जागो रिपो- 'मुबान अत्तार विस्तारठी। शारबादी मे मा-माधी अपा, पर एम गुडिया नेलेंगेबाविया दौरही और शादी की गुरियों उठा साई पोरीची अनेक, परमात और बबाहगत से सभी पड़ी। गारी गुरिया धने सगी। एक मेमा-"अप में भारी, की सवारी गुरिया दो प्राय मागिरह बत प्रब टो माष मुखय और मुबारकबादी श्री मही सग गई। याबादी गात मुरा हो गई। उसने अंगूठी, हावा, माता, भरा, मुरर, परोहा में मापा रियों पर पैना गुरुम दिया। रियों मारामाच रोने लगी। उसी समप-नादिया बीबी ने फिर ए में प्रवेश किया। उसमे मोर मी नमर सेक्स को देवा जरिया उसे देत मरणाने