पृष्ठ:आलमगीर.djvu/१७३

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मासमगीर पवा प्रविनिम्न परस्पर प्रतिस्पा- परत परवा पा, प्रय मक्षा गुहारमा और इसको उनको भनाभस्वर, मोहरी क्यों में पर्वाची पानीमा माताल प्रब इनमें अन गये। पूस गई सघई नहीं होती। नमामे माँ से पर उपर से एसी पत्तियों और हमा-पर उसार देर हो गया है। संगमर्मर में मापदार उम्मत ते मी भबई से परे पर गर । भरतो ये और पैसे उस समाजोपर पाबो कमी ज मरेंगे। सबसे गारगारी निती। बारियों में एक नव से उतम परीर करिया । वनजे से पर नप शाहबादी का पोवन माने मगा। इसी समय वोरोमानवासियों मापा देकर मा उपरिपत | बारियों मे शाहबाहरीचे पोणार पानाई | M मगापा । पास पे, सिंगार मिा। दिया बड़ाऊ पदनो मर्य चिरठयों लिए प्रदा घे प्रा ली। मनपसमा पेरा हामी मे पाने । भर शाबादी बारादरी में ग्राई। पारी महावीर तस्व विधा पा, पीथै पश्यिा, भागे वीन बीदियों, पामों में फूल-पते । कारपरीवारावरतोय । हामने परिन, अपिनियों, यानि रेस, बमत में मसायी जौरिना और प्रारमिगनिर्ण। मिठाई भोर मे मो लान पेय हुए। एक पारी पड़ी मानी में बहातापा, पॉप पानोभ एकीका, च, मिश्री, पौदी के बाद, पर मण्याप प्रवीपोय, विमें माप मरे। बोलिरी में स्ववस्वा -"ख वरीसार" पावती पदब से बनी हो गई। हलत प्रीरंग भारमा प्रापत पारंग, पप हामग-गडा गर, चन मनचाप, मददी रंगी रादी, पान पर, यो । नेगा पदन प्रस माम पर है। मोम परिठे प्रख प्रपमा, पार बारपार