पृष्ठ:आलमगीर.djvu/१७६

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श्रीनवन निरों "हो मी नव सिणे व मम मामो र सानी एखातीपात्रो "बहुत मगर पार कर सारयदी, बवि पाम यादमा सपनवीन दुए हर साल दो भागो रंगमहम में गुलर रोमा । "वपना दी पारिए, तू दाबात मामा-में मी पट शिन्गी "मादिरा ने मुकरा किया और पसी गई। ग्राहमारी पिर अपनी गुदिनों से देखने लगी। छप का नारा अमीर मीरममा से सब सहार-मवियर और मीरापमा श्री मोर मनी सम्मिमिव सेना पर पोराने में एक मीनर नर गुबराती पोर इपास रित। मुगाचे पनी ही भामरसता पी। उसमे मरने विसर्ग सोमवारमा पार पार रेकर सूरत पर भासद पने साना बरिया ! उस समप दरव एष बनसम्मम ममर और बदरणारया। परम्स मुरार ने सूरत पर भाक्रम करने से प्रथम दी १० मेरो चोल दिया और बड़ी-बड़ी रीमे मारी। इस पर परिवाम मामि सात विहार पचान हो गया। इससे रखपी नही की पूट में प्रपिक मन मुगा राम महीं बयापुरत भग भी नहीं पता ममा। पूर्व प्रौरक्रया का मामी वानवा मा लिबिना सूरत के किसने बीते हुए पाये भामरे और पने से पीठ अधिक रहेगी। उसने सो प्रारम्म ही में अपने समाई मीरवाण