प्रायरे में प्रमार रामरामोalay पध। न हारेपी का किया गया था और मावा चोरहया ने उन सामव पर cिuat में मिताप और बागीर पीठो सपो मए । सिवीन प्रमीर रो पक्ष रोये दो औरत से मिलने नहीं पाए। एकदानिशमन्द का एक विवाव विहान पा-मग मुभमनों बो शादी म मा और तीसरा भयो याम का विमाती बीरचा। नवीनों के नाम गोपाश्रीशि में पद मए । परम्न उच्ने प्रष्ट में अपने मायोकाबाहिर नहीं ने दिया। में मुहानको खतम होने पर सब सरदारों ने मुरादी मुमा रिवी में छोपबरा अपने एमत वीमें में घमा यया । पाँबसे पर उसे बादशाबरीवा मिया | उसमे दिना था- "वद्याप ने बोकुलरिया, नालायकी और बेखमी से पुर पा। दम पर वो हम रस्सी से फस्त रख। हम मारे पास एस पाना चाहिए, ताकि मारे मधिरे से उन अमूर प्रतम मापारकर मार पासवण और प्रवर Ram फ्यम पोरगा मुस्कुरा दिया और उसे एक बार कराने ठयाच पदा । मा समान पेधनप्राय प्रश, रहम सिया मा तिर पर में पाने प्रपतन परना, हमें मार सहने केवमाम पान मिएर है। वैसम मेवार पावारी दिलाना हि रखी येप पर अपनी सीपको वारे नए पड़ेगी और ये खास गुप्ताम मी को अपने हथियारों में बनी रोमास करना पनवेमार्थ पाव में " वहार के सिर पर और उसमे उसे मोग- 1
पृष्ठ:आलमगीर.djvu/२५८
दिखावट