पृष्ठ:आलमगीर.djvu/२८६

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पहिला गिर ने सारे दबदाए । मारी मारी प्रहम दिए । पनसारे पूनीकर। सैनिकोटीन माह का वेतन इनाम में बाय और उगे अपनी सेवा में रख लिया। दोपहर होते होते मुगर की सारी सेना-दरवरी अमीर उमगर मोहन का पार करने लगे। इस मंत्र से निबट र प्रब उसने अपने रिमासी सेवा सानए रोगन को एक अच्छी और देवर महापारको रमाना कर दिया और उसे रुम दिया कि वह परिहाकिम से हाहाबाद चीन को पारा का नियुक्त किया दुमा पा। तापी उसने विपेवा बहादुरों ग्रेप की सरदारी औरर उसे दारा पीये मेरिपा दो बार में बमार यापा। इसके बाद हरमोनान से दिखी कीमोर रवानामा .६४: मालमगीर पाजी औरत मे बहीबड़ी ऐतिहासिक परनाएं बड़ी तेजी से तप कर गी| २६ मई सन् १९५० को उसने सम्मान में विषय पाई। परितो सपा भामरे पहुँग। पकी मन को मागरेका विमा य, पाठ सोमिमा पवा किया, दस जून को पारणा कैद किया। वेपन कोपा प्रागरे से चना और पचीस न कोमपुप में मुपद को दकिमा। इस प्रभार एक महीने से भी कम समय में उसने बनी पोपी मासिक पग्नाएं हर गली बिनम ऐतिहासिक मातएव प्रषित पा। पर-यो उसने मुगम सीमगद की पोर रवाना किया । उपर जानए रोगन वा गरेर लाहाबाद में भोर साना पर किसाबार बार परीके पाप धारा नियुट हारिम रसारापार कान पर उठ पर दलश करते। पर प्रस्सम्व दूरगी