प्रासमगीर पूर्व भी सम्पियों के प्राचार पर गोसकुरा गम्प प्रतिवर्ष बाग हून मुगल दरबार ये वार्षिक पर देवा पा । परन्तु वर्षों से पहर उस पर सदैव पाना ही पता था। प्रस्पेक परे उपर बयान में वा मुगम सूखेदार प्रेकडारप बार अधिक समयी मोरसव माँग सेवा पा। मुहम्मद अमीन की और मौरनुमक्षा के परिवार भी गिरफ्तारी की साबर बादशाह तक पहुंची। मीएमक्षा प्रौरंग से सम्मान मी स्थापित कर या है। पार भी दायरे मेदियों ने गौ पापा दी | दारा नहीं पाया था कि मीरजुमचा पेण राषियाशी प्रामी पौरपये से मिक बाय । उपर बधीर सदमा की पास्मिक मृत्यु से मुगल सामाम्प को एक ऐसे ही वितपय पुरुष प्रेमबीरे प्राबम बनाने सिए पावरपक्वा पी बैग मौरतुमक्षा था। प्रता वापणार के फर्मान श्रीमती शार गोशकरग पास पहुंच गए कि अमीर मौरतुमक्षा और मुहम्मद अमीन शाही दरबार में मेगरे। तमा उनी सम्पचिपादि पर भी प्रतिपब म सगाए । सापकी चौरस मी एक शाही भरीवा मिल गया कि पदि चार गोष कुराग शाही दुक्म में दरेग करे तो उसपर मारुमय पर देना। अब अमीर मीरखुमक्षा इस बात पदवे दी औरहनेवी बालिस गई । वर प्रत्यन्त महत्वाची प्रारमी पा, पौर ऐसी हो किमी पटना मे लाम उठाना चाहता था। बा चटपट सब हमारियों करके इस शिवारी से बचा कि किसी ने वनिक मी शक नही गुना। अपने मो शाबारे सैन्य परिव नाम्स के पास गोल कुपग की सीमा में प्रवेश कर उसे भारेश दिवा कि "न्दुत मुक गाव ही मुदित है। मुमकिन है पर चाम्ना न करे, पर प्रम लोग सीपा पागा मोक्ष दो और उसके विस्म ने उसके सर मार से रस्ता रोग
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