पिता, पुत्री और पुत्र "पर गर्व को पहुच सकी है। मीतुमला मामूली चारमीनी- मगर , में उसो तुम्हारी सीमिए ऐप मेगा राजगा" दाग ने 40-"हो मुफे से मन पौष र मेधने में गई उजनही वारणा ने हॉसही और मा- " इस बहुत बार परे विष इतमाम रो। और सबसमोर मीरजुमला पुणरतो" "बहुवला "चोर म पारी गमवादग्राह मे पाँमा भार रस करा-बार मुनासिर इतमाम में पारा की मादक" "दोनों मादा को काम काम करते गए । बादणार गहरे बर में घर गए । भेगम की सवारी दिन दस पापा और सटे हुए व पुनारी निको पायर में ए. नानक पैर पर गोपी। मोनाली ही श्री प्रागोगमा से पार पाया गया ने बमुन्न केनिारे अण्वद्रासार या मन नपर सारा पाहात लिा और जामा मस्थिर म भ भी पौर रन मम परिसर मास्य प्रमाण गमती दी। बार में समी अमीर उमो हि सही हो मईपी समर पारा नाम गयामा सा परा पा, पान मनो grat रिस्सीको ती प्रमी र तिमी रस गुपेत्री, शिवाय सीए म पा(माना लिए गुना मतमा सामान पुपनी
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