पृष्ठ:आल्हखण्ड.pdf/५८४

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बेलाताहरकामदान । ५८३ बिपति निवारण जगतारण के दूनों धरों चरणपर माथ २०१ करों तरंग यहाँसों पूरण तवपद सुमिरि भवानीकन्त ॥ रामरमामिलि दर्शन देवो इच्छा यहीमोरि भगवन्त २०२ इति श्रीलखनऊनिवासि (सी, आई, ई ) मुशीनवलकिशोरात्मजवाबू प्रयागनारायणजीकीआज्ञानुसार उन्नामप्रदेशान्तर्गतर्षंडरीकला निवासिमिश्रवंशोद्भव बुधकृपाशङ्करसूनुपण्डितललितापसाद कृत ताहरवधवर्णनोनामप्रथमस्तरङ्गः ॥१॥ बेलाताहरकामैदानसमाय॥ इति।