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पृष्ठ:इतिहास तिमिरनाशक भाग 2.djvu/१०

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इतिहास तिमिरनाशक

गये। और जो बेचारे बेख़बरी में किले के अंदर रहे बह दूसरे दिन सिराजुदोला की कैदमें आये। जब उनके अफसर हालवेल साहिब को मुश्क बांध कर उस के साम्हने लाये उसने तुर्त उस को मुश्क खुलवा दो ओर कहा कि खातिरजमा रक्वो तुम्हारा कुछ नुकसान न होने पावेगा। लेकिन रात को जन कैदियों के रखने के लिये कोई मकान न मिला तो सिराजुद्दौला के आदमियों ने १४६ अंगरेज़ों को एक कोठरी में जो कुल १८ फुट लंबी ओर १४ फुट चौड़ी थी बंद कर दिया। इसकोठरी का नाम अंगरेजो में “लेकहोल यानी काली विल रक्खागया है जो कुछ उन कैदियों के जी पर रात को बीती उन्हीं साक्षी जानता होगा बहुतेरे घायल थे बहुतेरे शराब के नशे में गर्मी को शिद्दत थी प्यास निहायत थी। सुबह को जुर्ष दाज़ा खुला कुल २३ जीते निकले सो शकल उनको भी मुदी कीसी बनगयी थी। हालवेल साहिब को सिराजुद्दोला के साम्हने ले गये उसने इस की कुछ भी दाद फर्याद न सुनी यही पूछता रहा कि बतलाओ अंगरेज़ों ने ख़ज़ाना कहां गाड़ा है और उसके और दो और अंगरेज़ों के पैरों में बेड़ियां डलवा कार इन तीनों को तोएक खुली कश्ती परकैद रहने के लिये मुर्शिदाबाद भेजा ओरबाकी को छोड़ दिया। मुर्शिदाबाद में अलोवर्दीखां को बेगम ने इन तीनों को भी सिराजुद्दौला से सिफारिश करके छुड़वा दिया। जब यह ख़बर मंदरास में पहुंची वहां बालोंने ६००गोरे ओर १५०० सिपाही दे कर लाइव को नो अब इंगलिस्तान सेलेफ्रि- नंट कर्नल हो आया था १० जहाजों पर कलकृते रवानाकिया। १०५०ई० दूसरी जनवरी सन् १०५७ को क्लाइवने कलकत्ता लिया तीसरी फरवरी को सिराजुद्दौला ४०००० आदमियों की भीड़ भाड़ ले; कर कलकत्ते के पास पहुंचा लेकिन क्लाइव ने किले से निकाल कर उस पर एक ऐसा हल्ला किया कि अर्चि उसहल्ले में लाइव को १२० गोरे १०० सिपाही और दो तोपें खोकर फिरकिले में पनाह लेनी पड़ी। पर सिरानुद्दोला ने २२ अफसर और ६०० आदमियों के मारे जाने से घबरा कर इस शर्त पर सुलह कर