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पृष्ठ:इतिहास तिमिरनाशक भाग 2.djvu/२०

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इतिहास तिमिरनाशक


बढ़ाने लगा। सन् १७६७ में निज़ामअ़ली ने मैसूर परचढ़ाईकी। अंगरेज़ी फ़ौज भी इक्रार के मुबाफ़िक़ उसके साथहुई। तीसरी सितम्बर को हैदरअली ने अंँगरेज़ी फ़ौज से लड़ कर शिकस्त खा़यी हैदऱअली निज़ामअलीसे मिल गया। दोनों ने अंगरेजों का मुक़ाबला किया। उन की भीड़ भाड़ सत्तर हज़ार आद- मियों की थी और इनकी तरफ़ कुल बारह हज़ार लेकिनदुश- मनों ने शिकस्त खायीं और उनको ६४ तोप अंगरेजों के हाथ आयीं निदान निज़ामअली ने तो कुछ दे दिलाकर अंगरेज़ों से सुलह कर ली और हैदऱअली लड़ता रहा। कभी उसका कुछ नुक्सान हो जाता कभी अंग्रेज़ों का कभी इनका कोई क़िला उसके हाथ चला जाता और कभीउसका इनके हाथाजाता। १७६८ ई० यहां तक कि सन् १७६८ में हैदर अ़लीनेभी अंगरेजों सेमेलकर लिया। इन्होंने उसको जगहें उसे लोटा दीं उस ने इन की इन्हें दे दीं दोनों ने आपस में बचावके लिये यक दूसरेकीमदद करने का क़रार किया।

१७७०ई० सन् १७७० में सैफुद्दौला के मरने पर उस का भाई मुवारकुद्दौला बंगाले का सूबेदार हुआ। नाबालिग था कम्पनीनेकहा कि इस के लिये ख़ाली सोलह लाख रूपया साल देनाकाफ़ीहै इससे ज़ियादा देना कुछ ज़रुर नहीं चौंतीस लाख किफ़ायत १७७३ ई० में आया। सन् १७७३ में जब इंगलिस्तान की पार्ली मेंटवालों ने देखा कि कम्पनी लालच में आ कर और अपने नौकरों को कम तनखाहें देकर मुल्क का इंतिज़ामबिगाड़ती है और कर्ज भी बढ़ाती जाती है एक कानून ऐसा जारीकिया कि जिस से अढ़ाई लाख रूपये सालपर एक गवर्नर जेनरल मुकर्ररहो और उसकी कौंसल में चार मिम्बर अस्सी अस्सी हज़ार रुपयेसालाने के रहें। कम्पनी को गवर्नर जेनरलके मुकर्ररकरनेका इखतियार करले लेकिन मंजूरी उसको बादशाह के हाथ रहे पांचवेंसाल गवर्नर जेनरल बदला जाय और कलकत्ते में एक सुग्निम कोर्ट काइम की जाय उसके तीनों जजबादशाह के हजूरसे मुकर्रर हुआ करें।