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इतिहास तिमिरनाशक


काबुल में दाख़िल हुई और सोलहवींको बालाहिंसारपरसकारी निशान चढ़ाया। शाहशुजा को नव्वाब ज़मांखां के बड़ेबेटेने मार्च ही महीने में मार डाला था शुजा बालाहिसार से निक- लकर उस के साथ अपने लश्कर की तरफ़ जाता था उस ने रास्ते में उस पर दुनाली बंदूक़ चला दी। पसअबसर्कारी फ़ौज को सिर्फ अपने कैदियों की रिहाई बाकी रह गयी। सिवाय इस के और कुछ भी अफगानिस्तान में काम न था उधरसिंघ से कुछ फ़ौज लेकर जेनरल इंगलैंड जेनरल नाट को कुमकको क़न्दहार पहुंच गया था लेकिन जेनरल नाटने बहुतसेआदमी जेनरल इंगलैड के साथ सिंध को लौटा दिये सिर्फ थोड़ेसे चुने हुए सिपाही लेकर जेनरल पालक से शामिल होने को काबुल की तरफ़कूच किया। वयही कहताथा कि एक हज़ार सर्कारी सिपाही पांच हज़ार अपयानों के भगाने को बहुत काफ़ी है निदान जेनरल नाट भी लड़ता भिड़ता पमानों को हरतरफ गिरिता भगाता रास्ते में ग़ज़नी का किला तोड़ता फोड़तामह- मूद गज़नवी के मकबरे से सोमनाथ के संदली किवाड़ लेता सत्तरवीं सितम्बर को काबुल में आ दाखिल हुआ। अकबरखां ने तमाम अंगरेज़ मेम और बाबा लोगों को जो उसके काबू मेथे एक अशान सालिहमुहम्मदखाके साथ बामियान्कीतरफ़ भेज दिया था उस का इरादा था कि इन्हें तुहफ़ा के तौरपर गुलामी के लिये तूरानी सदारों को बांट दे। लेकिन सालिह- मुहम्मद इन से मिल गया बीस हजार नकद और हज़ाररुपये माहवारी पिंशन के वाटेपर सही सालिम सकारी फोनमेंपहुंचा दिया जेनरल एलफिंस्टन मर गया था तो भी सिवाय साहिब लोगों के लेडी मेकनाटन और लेडी सेल समेत तेरह मेम ओर उन्नीस लड़के इन कैदियों में थे। निदान इन कैदियोंको लेकर सारी फौज फ़तह फोरोज़ी के निशान उड़ाती फीरोज़पुरचली आयी गवर्नर जेनरल ने दोस्तमुहम्मदकोभी छोड़दिया। सर्कार का इस लड़ाई में कम से कम सत्तरह करोड़ रुपया खर्च पड़ा।