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पवित्र ईर्षा
[१]
मला अपने बगीचे में माली के साथ तरह तरह
के फूल, और पत्तियों को पहिचान रही थी,
और उन्हीं के साथ खेल रही थी, क्योंकि उसके साथ
खेलने के लिए उसके कोई सगे भाई यहिन न थे। आज
राखी का त्योहार था। बारह महीने का दिन, सभी बच्चे
अपने अपने घरों में खेल कूद रहे थे। इस चहल पहल में
किसी को आज विमता को याद न रही इस लिए यह
बिल्कुल
थी। अचानक उसकी दृष्टि, सडक
पर हरी हरी
से सजी हुई कुछ त्रियों और
जिनके हाथों में चादी के समान
फूल माला, फल फूल, और नारियल
11
बालिकाओं पर
धमक्तो हुई