पृष्ठ:उपहार.djvu/८३

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क्या यह मेरी ही".........इतने में लाकेट उनके हाथ से छूटकर टेबल पर खटसे गिर पड़ा; उसकी आवाजसे वह चौंक-से पड़े। दर्शक भी चौंक उठे। मजिस्ट्रेट ने सिर नीचा किये हुए कहा - अभियुक्ता निर्दोष है, उसे जाने दो।" यह कहते हुए वह तुरन्त उठकर खड़े हो गये। जैसे न्यायाधीश की कुर्सी ने उन्हें काट खाया हो।