पृष्ठ:कबीर वचनावली.djvu/३३

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६-रामानंद की गोष्ठी-इस ग्रंथ में स्वामी रामानंद के साथ कवीर साहव का धार्मिक वर्तालाप है। ७-शब्दावली-इसमें एकसहस्रधार्मिकशब्द है, किंतु वे क्रमवद्ध नहीं हैं। इसमें छोटी छोटी धार्मिक शिक्षाएँ हैं । ८-मंगल-इसमें एक सौ छोटी कविताएँ हैं। -संत-इसमें वसंतराग के एक सौ धर्म-संगीत हैं। १०-होला-इसमें होली के दो सौ गीत हैं। ११-रेखता इसमें एक शत रेखते हैं, किंतु उनमें छंदो- भंग बहुत है। १२-झूलन-इसमें अनेक धामिक विषयों पर पाँच सौ गीत हैं। १३ कहरा-इसमें कहरा चाल के पाँच सौ भजन हैं। १४-हिंदोल-इसमें नाना प्रकार के द्वादश भजन हैं, जिनमें नैतिक और धार्किक शिक्षाएँ हैं । १५-बारहमासा-इसमें बारह महीनों पर धार्मिक संगीत हैं। १६-चाँचर-इसमें चाँचर चाल के गीतों में नाना प्रकार के भजन और शब्द हैं । १७-चौंतीसो-इसमें हिंदी भाषा के तैतीस व्यंजनों और चौंतीसवें ॐकार में से एक एक को प्रत्येक पद्य के आदि में रखकर धार्मिक कविता की गई है। कुल ३४ पद्य हैं । । १८-अलिफनामा-इसमें फारसी अक्षरों की धार्मिक व्याख्या है।