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कर्बला
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वल,वीर्य,पराक्रम त्वेष रहे,सद्धर्म धरा पर शेष रहे ;

श्रुति भानु एकता वेश रहे,धन,ज्ञान,कलायुत देश रहे

भारत तन-मन-धन सारा हो,उसकी सेवा सब द्वारा हो ।

निज मान समान दुलारा हो,सबकी आँखों का तारा हो ।

भगवन्,हमें शक्ति प्रदान कीजिए कि सदैव अपने व्रत का पालन करें। अश्वत्थामा की सन्तान का निरन्तर सेवा-मार्ग का अवलम्बन करें,उनका रक्त सदैव दीनों की रक्षा में बहता रहे,उनके सिर सदैव न्याय और सत्य पर बलिदान होते रहें। और प्रभो! वह दिन आये कि हम प्रायश्चित-संस्कार से मुक्त होकर तपोभूमि भारत को प्रयाण करें,और ऋषियों के सेवा-सत्कार में मग्न होकर अपना जीवन सफल करें । हे नाथ,हमें सद्बुद्धि दीजिए कि निरन्तर कर्म-पथ पर स्थिर रहें,और उस कलंक-कालिमा को,जो हमारे आदि पुरुष ने हमारे मुख पर लगा दी है,अपनी सुकीर्ति से धोकर अपना मुख उज्ज्वल करें । जब हम स्वदेश-यात्रा करें,तो हमारे मुख पर आत्मगौरव का प्रकाश हो,हमारे स्वदेश-बन्धु सहर्ष हमारा स्वागत करें,और हम वहाँ पतित बनकर नहीं,समाज के प्रतिष्ठित अंग बनकर जीवन व्यतीत करें।

सेवक--दीनानाथ,समाचार आया है,अमीर आबिया के बेटे यज़ीद ने खिलाफ़त पर अधिकार कर लिया।

साहस०--यजीद ने खिलाफ़त पर अधिकार कर लिया ! यह कैसे ? उसका खिलाफत पर क्या स्वत्व था ? खिलाफ़त तो हजरत अली के बेटे इमाम हुसैन को मिलनी चाहिए थी ।