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कला का सामाजिक रूप

आदिकाल में जब मनुष्य वनों में रहता था और भाषा की उत्पत्ति नहीं हुई थी, उस समय भी उसके सम्मुख अपने को व्यक्त करनेकी समस्या रही होगी। सबसे पुरानी लिपि के जो उदाहरण हमें आज भी मिलते हैं वे हैं इजिप्शियन हीरोग्लिफ्स और चाइनीज़ कैरेक्टस। इन लिपियों में वस्तुओं को उनके लाक्षणिक रूप से ही व्यक्त किया जाता था।

उदाहरण--


इस प्रकार की लिपि को पिक्टोग्राफ्स कहते हैं । चीन, जापान, की लिपि कुछ परि- मार्जित रूप में आज भी ऐसी है । इन पिक्टोग्राफ्स में समय के कारण बहुत परिवर्तन हो गये हैं और यह पता चल नहीं पाता कि ये किसके चित्र हैं। धीरे-धीरे ये लाक्षणिक पिक्टोग्राफ्स बहुत ही सूक्ष्म होते गये और उनका रूप, वर्णों स्वरों और शब्दों में परिवर्तित हो गया। इस प्रकार अब चित्रों द्वारा भाव व्यक्त करने के स्थान पर शब्दों द्वारा व्यक्त किये जाते हैं और यही माध्यम साहित्य कहलाता है ।

पिक्टोग्राफ्स की भाषा में यह परिवर्तन क्यों हुआ, यह महत्त्वपूर्ण प्रश्न है। इसका