पृष्ठ:कवि-प्रिया.djvu/३४१

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
(३२३)

उत्तर हुआ। इसी तरह से छठे प्रश्न का उत्तर 'वन' निकला। अंतिम दो प्रश्नो के उत्तरो के लिए पूरे शब्द 'सरवन' को पहले उलटिये तो 'नवरस' उत्तर मिलेगा। फिर सीधे पढिए तो ८ वें प्रश्न का उत्तर 'सरवन' अर्थात् श्रवण कुमार निकल आवेगा।]

उदाहरण-२

सोरठा

कंठ बसत को सात, कोक कहा बहुविधि कहै।
को कहिये सुर तात, को कामीहित 'सुरतरस'॥६२॥

कंठ में कौन सात बसते है? कोकशास्त्र अनेक विधि से क्या कहता है? देवताओ का प्यारा कौन कहलाता है? कामी का हितैषी कौन है? उत्तर 'सुरतरस' [इसमें भी पहले उदाहरण की भाँति उत्तर निकालने पर हम पहले प्रश्न का उत्तर 'सुर' होगा। दूसरे का 'सुरत' तीसरे का 'सुरतर' (कल्प वृक्ष) और चौथे का 'सुरत रस'। इसमें एक विशेषता और है कि उलटने पर भी यही शब्द बनते है।]

दोहा

उत्तर व्यस्त समस्त को, दुवो गतागत जान।
एकहि अर्थ समर्थ मति, केशवदास बखान॥६३॥

व्यस्त समस्त का उत्तर गतागत (उल्टा-सीधा) दोनों प्रकार से किया जाता है। परन्तु 'केशवदास' कहते हैं कि जो समर्थ मति अर्थात् प्रतिभाशाली होते हैं, वे ऐसी रचना करते हैं जिसमें उल्टा-सीधा दोनों प्रकार से पढ़ने पर एक ही अर्थ निकलता है [ऊपर लिखे सोरठा के 'सुरतरस' उत्तर मे यही बात है। दोनो ओर से एक ही अर्थ मे पढ़ा जा सकता है।]