पृष्ठ:कांग्रेस-चरितावली.djvu/१००

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और नफा नुकमान "इण्डियन स्पेक्टर" रक्या । यह पत्र आपके हाथ में सन् १८८७ ता रहा जिम तरह भाप अंगरेजी भापा के उत्तम लेखक हैं उसी तरह भाप वक्ता भी बहुत अच्छे हैं। बम्बई मेन्यसिपैलिटी के कारपोरेशन में कई गुणा यह है कि हर एक बात को आप बिना किसी प्रधार के नहीं लिखते अथवा नहीं बोलते । श्राप बिना प्रमाण के कुर भी नही लिखते औरन उम बात पर कुछ कहते हैं। इसी कारण आपके भाषण अथवा लेग्य का लोगों पर अच्छा प्रभाव पड़ता है और आपके कथन झंट का निर्णय करके तव कुछ कहता है उसकी बात लोग ज़कर मानते चाहिए कि हमेशा मच ही बोले । मन, वचन और कर्म से जो सत्य का ८४ फाग्रम-चारतायला । रहा। जिम काम को आप करते है विचार पर्वक करते हैं फिर चाहे उस काम में लाभ हो अथवा हानि। रात दिन उमी का चिन्त मन करते रहना के चिन्ता की चिता में चलते रहना प्रापको पमन्द नहीं है । व्यापार में माय ही प्रारका ध्यान देश हित की ओर यरायर लगा रहता है । आपने जितना अनुभव व्यापार में प्राप्त किया है उतना ही अनुभव लोफस्थिति और राज्य पद्धति किस प्रकार चलती। इस यात को जानने में प्राप्त किया है। भारत सरकार की राज्य पति में अगर कुछ दूपण है तो उन दूषणों को दूर करने के लिए क्या क्या उपाय फरना चाहिए यह यात आप सदैव सोचा करते हैं "मिल प्रोनर्स असो- सिएशन" सभा के श्राप परिचालक हैं। "प्रेतीसी प्रमोसिएशन "प्रा- न्तिक सभा" और "इण्डियन नेशनल कांग्रेम" में प्राप सूत्र जी लगा कर काम करते हैं । आप विद्वान् और अंगरेज़ी भाषा के उत्तम लेखक हैं। देश की भलाई के उद्देश्य से, आपने एक भंगरेज़ी भाषा का समाचार पत्र मन् १८८० से निकालना प्रारम्भ किया था। इस पत्र का नाम प्रापने और यही उत्तमता के माथ चलता रहा। उस समय जो लेख उस पर आपके लिखे हुए प्रकाशित हुए हैं वह बहुतही प्रभावशालो और उत्तम हैं । एक बार आपने उत्तम उत्तम व्याख्यान दिए । उनके लेख अथवा भाषण का लोग विश्वास अधिक करते हैं। जो पुरुष है । मर्वमाधारण में अपने कयन का प्रभाव डालने के लिए मनुष्य में एक विशेष विचार पूर्वक सत्र अथवा 1