भारतवासी के पढ़ने योग्य है । इस पुस्तक की बाबत हम अपनी ओर Nothing could be happier for Eugland and India, in regard to दिए हैं। आप लार्ड रिपन महोदय की नीति (पालिसी) के समर्पक तिम महानुभूति और प्रेम प्रगट करते हैं। आपने राजनैतिक विषयों की के सत्य प्रदान करने वाले, लार्ड रिपन महोदय को आदर्श स्वरूप मानते ९६ कांग्रेस-चरितावलो। नौकरी से .फुरसत मिलती तय श्राप भारत के विषय कुछ न कुछ लिसा ही करते थे । मिस्टर जान मार्ले द्वारा सम्पादित प्रसिद्ध पत्र 'झार्ट- नाइटली” में, नापने भारतवर्ष पर बहुत ही उत्तम उत्तम कई एक लेख लिखे हैं । जब आप चटगांव में थे तब भाप ने "चटगांव की माल- गुज़ारी का इतिहास" लिख कर प्रकाशित किया था । उसकी प्रशंसा सरकार ने भी की थी। अक्तूबर सन् १८७९ में, भाप ने “भारतवर्ष की आवश्यकता और इंग्लेण्ड का कर्तव्य" इस विषय पर एक बहुत ही प्रभा वशाली लेख लिखा। जिस के कारण, उस समय, इंग्लैंड में बहुत बड़ा अान्दोलन हुआ । नवम्बर सन् १८८५ में, मापने 'नूतन भारत" नाम का एक बहुत ही अच्छा ग्रंथ लिख कर प्रकाशित किया । इस पुस्तक का नूतन संस्करण हाल ही में प्रकाशित हुना है । यह पुस्तक हर एक कुछ न कह कर भारत के प्रसिद्ध हितैषी जान ब्राइट के वाश्यों को उद्धृत किए देते हैं :- Indiau questions, than that the book should be carefully read by every सरहेनरी काटन ने भारतवर्ष के बारे में, कई एक व्याख्यान हैं । इस प्रकार प्राप ने अंगरेजी भाषा में ग्रंथ और लेख लिख कर तथा समय समय पर व्याख्यान देकर इस देश की सेवा की है। फाटन महोदय के अन्तः करण की कोमलता और मन की पिणा लता का वर्णन करना कठिन काम है । भारतवासियों के साथ प्राप अन्न और ब्राइट से पाई है। भाप भारतवासी काम शासन प्रणाली हैं ! प्राप की उदारता और महानुभूति, नीरों की तरह, भी पात
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