१०२ कांग्रेस-धरितायली। - तथापि नाप उनकी न्यूनताओं को भली भांति जानते हैं। आप लिखते हैं कि, "शिक्षित लोगों में जो अवगुण दिखाई देते हैं वे उन कारणों से उत्पन्न हुए हैं कि जिन पर उनका कुछ यस नहीं चलता । सम्प्रति इन लोगों की संख्या बहुत कम है । और वे जन समूह को मान से बहुत अधिक शिक्षित हैं। ऐप्ती अवस्था में यदि वे अभिमानी हो तो इस में माश्चर्य ही क्या है? इन लोगों को सरकारी अधिकार के घड़े २ पद दिए नहीं जाते; तय यदि वे असन्तुष्ट हों तो इस में आश्चर्य की कौन सी यात है " सर हेनरी फाटन महोदय के दो पुत्र भारतवर्ष में ही हैं। एक तो कलकत्ता हाईकोर्ट के एडवोकेट हैं; और दूसरे मदरास की सिविल सर्विस में हैं। आपका एक भतीजा भी यहीं नौकर है । इस देश को साथ भाप के वंश का लो इतना घना सम्बन्ध है उसको सर हेनरी फाटन अत्यन्त भूपणस्पद समभाते हैं एक स्थान पर आपने बड़ी सशी के साथ यह कहा भी है कि "भारतवर्ष के शासन में, वंश परम्परा से, मेरा सम्बन्ध चला आता है"। हम ईश्वर से सविनय प्रार्थना करते हैं कि काटन महोदय के वंशज भी प्राप ही के समान इस देश की भलाई करने का उद्योग करें -:*:*:*:*;ti- Com AUA
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