पृष्ठ:कांग्रेस-चरितावली.djvu/१३७

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हाकर राशबिहारी पोष। ११० में होने के कारण वे मारे घमंड के फूले नहीं समाते और इस देश की मजा को तुच्छ जाति समझ कर उनसे प्रेम और मित्रता के बंधन दृढ़ परनावे असम्भव समझते हैं। मिस्टर माले यह विचार करते हैं कि इन बालकों की तरह चान्द को पकड़ने के लिए रोते हैं। परन्तु जय नेशनल कांग्रेस यह कहती है कि सैनां विभाग का खर्च कम किया जाय तब क्या वह चान्द के पकड़ने के लिए रोती है । जय नेशनल कांग्रेस पर्दिश कालोनी के उन भाजामों का विरोध करती है जिनके द्वारा भारतवासियों को अपमानित किया जाता है और यह विनय करती है कि कालोनियों में रहने वाले भारतवासियों को यहां के रहने वाले अन्य लोगों के समान ही अधिकार दिए जांयतो क्या यह चान्द पकड़ने के वास्ते रोती है? जब नेशनल कांग्रेस न्याय और शासन विभाग के प्रथक प्रयक किए जाने पर जोर देती है, जब नेशनल कांग्रेस बंग-भंग पर विरोध प्रगट करती है, जय नेशनल कांग्रेस प्रारम्भिक शिक्षा का अधिक प्रचार किए जाने के लिए विनय करती है अथवा भूमिकर का स्थायी प्रबंध करने के लिए कहती है या कौंसिलों में देशवासियों को अधिक लिए जाने पर ज़ोर हालती है तो क्या ये सब बातें कहना चान्द पकड़ने के लिए ही हैं?. क्या कोई मनुष्य धर्म पूर्वक यह कह सकता है कि इंग्लैंड को भारतवर्ष के प्रति जो कुछ कर्तव्य कर्म करना था वह उसने पूरा किया है ? मैं यह प्रश्न करता हूं कि हेढ़ सौ वर्ष में तुम ने क्या किया ? क्या तुमने भारत- वासियों को मुखी बनाने के लिए कुछ उपाय किए ? भारतवर्ष के हजारों प्राणी कराल काल के गाल में चले जा रहे हैं । क्या हम को तुम शिक्षा दी। वर्तमान समय की शिक्षा ने शान्ति के स्थान पर हमारे दिलों में प्रशान्ति उत्पन्न करदी है। परन्तु तो भी इस अधूरी भिक्षा ने तुम को योग्य और राजभक्त सेवक दफ्तरों में काम करने के लिए दिए, जो अंगरेजों के समान ही योग्य हैं, तो क्या अब समय नहीं पाया है कि शिक्षित भारतवासियों को अपने देश का शासन करने में कुछ अधिकार दिए जांय ? हम देखते हैं कि जापान ने पचास वर्ष के अन्दर ही • अन्दर किस प्रकार अपने देश की तमति करली है! हम फारम