५८ कांग्रेस--चरितावली। . कभी कोई पाति उन्नति नहीं कर सकती । संसार के इतिहास में इसके लिए कोई मिसाल मौजूद नहीं है। यिना विद्या पढ़े न कभी किसी जाति ने संसार में किसी प्रकार की नाति की और न अब कोई जाति कर सकेगी। अतएव विद्या की वृद्धि करना चाहिए, द्वेषभाव त्यागना चाहिए।" इस प्रकार आपने अपने मुसलमान भाइयों को देश के हर एक जातिवालों से मिल कर रहना, और विद्या पढ़ने का उपदेश दिया । सयानी साहय ने राष्ट्रीय सभा के सभापति का काम बहुत ही उत्तम प्रकार से किया। प्राप के काम को देख कर सब को बड़ा सन्तीप हुमा । सय लोगों ने सपानी साहय के नाम को बहुत ही तारीफ की । भारत में ऐक्यता फैलाने की यायत जितने शब्द शापने कहे वे सब स्वर्गा-प्रक्षरों में लिखे जाने योग्य हैं। देश की भलाई का मूल मंत्र एकता है । भारतवर्ष इतना विशाल देश है कि, इसमें बहुत सी, अनेक धर्म मानने वाली जातियां, वास करती हैं; अतएव उनमें एकता उत्पन्न करने का उपदेश देना, मयन करना, बड़ी ही उत्तम बात है । अगर भारत की कभी उन्नति होगी तो इसी प्रकार एकता का बीजारोपण करने से ही । मिस्टर तय्यम जी और सयानी साहब के उद्योग से हमारे मुस: मान भाई भी धीरे धीरे कांग्रेस में योग देने लगे हैं यह बड़े प्रानन्द की बात है। हम परमात्मा से सविनय प्रार्थना करती हैं कि सयानी साहब का एकता पौलाने का उद्योग निरन्तर जारी रहे और आप को इस कार्य में स्वफलता प्राप्त हो। ut 30 38 TOGG 15.6 130 488 24 Pero . 13 PSG AUA AASIA AUA e
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